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तारों के जाल और पुराने खंभों की वजह से दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है।
सबसे खराब हालत पुराने शहर की है। यहां तो तारों का जाल है। कोई भी गड़बड़ी आने पर एक घंटे से अधिक समय तो इन्हीं तारों में फाल्ट खोजने में लग जाता है। ऐसी ही हालत ग्रामीण इलाकों के बाजारों की भी है। यहां भी तारों का मकडज़ाल फैला
प्रयागराज शहर में बिजली के तारों का कई जगह ऐसा मकडज़ाल है कि समझ में ही नहीं आता है, कनेक्शन कहां से है। सबसे खराब हालत पुराने शहर की है। यहां तो तारों का जाल है। कोई भी गड़बड़ी आने पर एक घंटे से अधिक समय तो इन्हीं तारों में फाल्ट खोजने में लग जाता है। ऐसी ही हालत ग्रामीण इलाकों के बाजारों की भी है। यहां भी तारों का मकडज़ाल फैला हुआ है। तारों के जाल और पुराने खंभों की वजह से दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है। अक्सर तार टूटने की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं
कई-कई घंटे बिजली गुल रहती है
शहर के चौक, लोकनाथ, घंटाघर, जानसेनगंज, मोहत्सिमगंज, बादशाहीमंडी, पान दरीबा, नखासकोहना, रानीमंडी, बहादुरगंज, रामभवन, मु_ीगंज, कीडगंज, गऊघाट, मालवीय नगर, अटाला, खुल्दाबाद समेत कई अन्य इलाकों में तारों का जाल देखा जा सकता है। यमुनापार के नैनी, महेवा, करछना, मेजा, बारा, शंकरगढ़, मांडा, कोरांव, भीरपुर, खीरी, जसरा बाजार समेत अन्य जगहों पर भी ऐसी ही स्थिति है। वहीं, गंगापार के झूंसी, फूलपुर, बहरिया, कौडि़हार, नवाबगंज, लालगोपालगंज, सोरांव, मऊआइमा, फाफामऊ बाजार में भी तारों की उलझी कहानी है। ये तार काफी पुराने होने के साथ ही जर्जर हो चुके हैं। ऐसे में थोड़ी तेज हवा चलने पर कई जगह तार टूटकर गिर जाते हैं और इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है। कई-कई घंटे बिजली गुल रहती है।
कई बार तारों को हटवाने की हो चुकी है कोशिश
तारों के जाल को हटवाने के लिए करीब पांच वर्ष पहले अभियान शुरू किया गया था। छह माह तक अभियान चला। इसमें आधे से अधिक इलाकों में तारों का जाल समाप्त कर दिया गया। इसके बाद अचानक काम पर विराम लग गया और तब से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।
खंभों में बंधे हैं डिश केबल और टेलीफोन के तार
शहर का शायद ही ऐसा कोई इलाका हो, जहां बिजली के खंभों में डिश केबल और टेलीफोन के तार न बंधे हों। इसे हटवाने के लिए कई बार बिजली विभाग के अधिकारी प्रयास कर चुके हैं। लेकिन कुछ नहीं हुआ।
मुख्य अभियंता का है कहना
शहर और गांव के जिन इलाकों में तारों का मकडज़ाल फैला हुआ है, वहां इसे हटवाने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से यह कार्य प्रभावित हुआ था, लेकिन अब इसे तेजी से शुरू किया जाएगा।
-विनोद गंगवार, मुख्य अभियंता।
खास-खास
-12 डिवीजन हैं जनपद में
-07 डिवीजन शहरी क्षेत्र में।
-03 डिवीजन गंगापार में।
-02 डिवीजन यमुनापार में।
-120 सब स्टेशन हैं जिले में
-03 लाख से अधिक उपभोक्ता शहरी क्षेत्र में।
-04 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं ग्रामीण इलाके में।