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पूर्णिया नगर निगम की राजनीति बढ़ी हुई है।
पूर्णिया नगर निगम बोर्ड अब भंग होने के कगार पर है। इसके साथ ही मेयर डिप्टी मेयर से लेकर सभी वार्ड पार्षद भी निवर्तमान हो जाएंगे। कोरोना संकट को लेकर चुनाव टालने का निर्णय लिया है। प्रत्याशियों की भीड़ लगी हुई है।
पूर्णिया। नगर निगम बोर्ड अब भंग होने के कगार पर है। नगर विकास विभाग से मार्ग दर्शन मिलते ही बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा। इसके साथ ही मेयर, डिप्टी मेयर से लेकर सभी वार्ड पार्षद भी निवर्तमान हो जाएंगे। कोरोना संकट को लेकर सरकार ने फिलहाल चुनाव टालने का निर्णय लिया है। ऐसे में नगर प्रशासन पर ही अभी शहर की व्यवस्था की जिम्मेवारी होगी। इधर इस स्थिति से इस बार वार्डों से मैदान में उतरने की तैयारी में जुटे लोगों को खुद की जमीन बनाने के लिए लंबा समय भी मिलेगा। कई वार्डों में संभावित प्रत्याशियों की चहलकदमी भी शुरु है। ऐसे में बरसात के मौसम में जल जमाव की समस्या पर सियासी उबाल भी तय माना जा रहा है।
कई मोहल्लों में है जलजमाव की गंभीर समस्या
नगर निगम में कुल 46 वार्ड हैं। सन 2010 में नए परिसीमन के साथ इसे नगर निगम का दर्जा मिला है। निगम के गठन के समय हुए नए परिसीमन में कई ऐसे मोहल्ले भी इसमें शामिल हुए, जो उस समय पंचायत का हिस्सा हुआ करता था। कई मोहल्लों की तस्वीर अब भी कमोवेश पूर्व जैसी ही है। लगभग तीन सौ से अधिक मोहल्लों में अब तक नाला का निर्माण भी नहीं हो पाया है। शहर के मुख्य नालों के साथ जलनिकासी के कई प्राकृतिक स्त्रोत अतिक्रमण की भेंट चढ़ने से तमाम इंतजाम के बाद भी यहां जलजमाव की समस्या गहराती जा रही है। आगे चुनाव की संभावना से इस बार जलजमाव पर दंगल मचना तय है।
कई वार्ड पार्षद नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
अगर निकट भविष्य में चुनाव होता भी है तो कभी वार्ड पार्षद इस बार अपने वार्ड से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। नए आरक्षण रोस्टर के कारण कई वार्डों में इस स्थिति के चलते संभावित प्रत्याशियों की कतार कुछ ज्यादा ही लंबी हो गई है। ऐसे में अभी से जमीन तैयार करने की जुगत भी शुरु हो गई है।