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प्रदेश के मुख्य सचिव की फटकार के बाद हरकत में आया मेरठ प्रशासन।
मेरठ में कोरोना की दूसरी लहर में सबसे बड़ा संकट आक्सीजन का था। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी जनपदों के सरकारी और निजी अस्पतालों में आक्सीजन जेनरेटर प्लांट स्थापित कराकर अपनी अपनी जरूरत खुद पूरी करने का निर्देश दिया था। इस पर काम हो रहा ह
मेरठ, मेरठ मंडल के विभिन्न जनपदों में स्थापित किए जा रहे आक्सीजन प्लांटों को क्रियाशील करने की तिथियां स्पष्ट न होने से मुख्य सचिव नाराज हैं। इससे जनपद के अफसरों में खलबली मची है। आनन-फानन में इन तिथियों को स्पष्ट कर लिया गया है। इसकी रिपोर्ट भी मंडलायुक्त द्वारा मुख्य सचिव को भेजी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 15 जून तक मंडल में सात आक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो गए हैं। मेरठ जनपद में 30 जून तक तीन तथा 31 जुलाई तक आठ प्लांट चालू करने की जानकारी दी गई है।
मुख्य सचिव कर रहे समीक्षा
कोरोना की दूसरी लहर में सबसे बड़ा संकट आक्सीजन का था। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी जनपदों के सरकारी और निजी अस्पतालों में आक्सीजन जेनरेटर प्लांट स्थापित कराकर अपनी अपनी जरूरत खुद पूरी करने का निर्देश दिया था। इसके बाद मेरठ मंडल के सभी जनपदों में आक्सीजन प्लांट स्थापित करने का काम शुरू हो गया था। अब इन्हें चालू कराने के लिए सरकार गंभीर है। खुद मुख्य सचिव उसकी समीक्षा कर रहे हैं
कड़ाई से निर्देशों का पालन
मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह ने सभी जनपदों के प्लांटों को क्रियाशील करने की तिथियों को नए सिरे से निर्धारित कराकर मुख्य सचिव को रिपोर्ट भेजी है। इसमें उन्होंने बताया है कि मंडल में 12 जून तक चार प्लांट शुरू हो गए हैं। 15 जून तक यह संख्या सात हो गई है। मेरठ में अभी आठ स्थानों पर प्लांट की स्थापना का कार्य जारी है। इसमें से तीन प्लांट 30 जून तक, दो प्लांट 15 जुलाई तक तथा 31 जुलाई तक सभी आठ प्लांट क्रियाशील हो जाएंगे। रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि सभी जिलाधिकारियों तथा प्लांट के नोडल अधिकारियों को निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया गया है। जनपद में इसकी रोजाना समीक्षा की जा रही है। मंडल में सोमवार और गुरुवार को समीक्षा की जाती है।
यहां शुरू हुए प्लांट
बुलंदशहर 03
गौतमबुद्धनगर 03
गाजियाबाद 01