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टैक्सी स्टैंड से भूमि को 2019 में कब्जा मुक्त करने के दिए गए थे निर्देश।
मेरठ में रक्षा संपदा विभाग की करीब 14 हजार वर्ग मीटर भूमि है। वर्ष 1979 में टैक्सी स्टैंड के लिए यह भूमि लीज पर दी गई थी। 1998 में इसकी लीज खत्म हो गई। टैक्सी एसोसिएशन ने बाद में रक्षा मंत्रालय से एनओसी ली थी
मेरठ,मेरठ में दिल्ली रोड सदर तहसील के सामने शहीद स्मारक के पास करोड़ों की भूमि पर अब भी टैक्सी स्टैंड का कब्जा है। लीज की अवधि खत्म होने पर हाईकोर्ट ने भूमि को कब्जा मुक्त करने का आदेश दिया था। डेढ़ साल से रक्षा संपदा विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे रहे, अब हाईकोर्ट की डबल बेंच ने रक्षा संपदा अधिकारी, कमिश्नर और जिलाधिकारी से जवाब मांगा है। पांच जुलाई तक जवाब दाखिल करना है।
रक्षा संपदा विभाग की करीब 14 हजार वर्ग मीटर भूमि है। वर्ष 1979 में टैक्सी स्टैंड के लिए यह भूमि लीज पर दी गई थी। 1998 में इसकी लीज खत्म हो गई। टैक्सी एसोसिएशन ने बाद में रक्षा मंत्रालय से एनओसी ली थी। वर्ष 2008 में एनओसी खत्म हो गई। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने टैक्सी यूनियन को जगह खाली करने के लिए नोटिस दिया था। यूनियन के पदाधिकारी इसके खिलाफ हाईकोर्ट ग
आरटीआइ कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने वर्ष 2015 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें उन्होंने यहां मल्टीलेवल पार्किंग बनाने का प्रस्ताव रखा था। 30 अक्टूबर 2019 को हाईकोर्ट ने टैक्सी यूनियन की याचिका को खारिज करते हुए रक्षा संपदा विभाग की भूमि को मुक्त कराने के लिए कहा था। इस पर अब भी रक्षा संपदा विभाग काबिज नहीं हो पाया। लोकेश खुराना ने फिर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पांच जुलाई तक संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है। लोकेश खुराना का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद रक्षा संपदा विभाग के अधिकारी 100 करोड़ रुपये की भूमि को अपने कब्जे में नहीं ले पाए। रक्षा संपदा अधिकारी भावना सिंह के जाने के बाद अब ममता रक्षा संपदा अधिकारी का कार्य देख रहीं हैं।