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मंगलायतन विश्वविद्यालय में आयोजित सेमिनार में बोलतीं आईईआर की अध्यक्ष डा. दीपशिखा सक्सेना।
कक्षाओं को व्यवस्थित करने और छात्रों के व्यवहार को संयत रखने के लिए शिक्षकों को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना चाहिए और शिक्षकों में यह क्षमता होती है। योजनाबद्ध तरीके से कार्य किए जाने के सकारात्मक शैक्षिक परिणाम प्राप्त होते हैं।
अलीगढ़, कक्षाओं को व्यवस्थित करने और छात्रों के व्यवहार को संयत रखने के लिए शिक्षकों को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना चाहिए और शिक्षकों में यह क्षमता होती है। योजनाबद्ध तरीके से कार्य किए जाने के सकारात्मक शैक्षिक परिणाम प्राप्त होते हैं, जोकि बहुत महत्वपूर्ण हैं। शिक्षक एक प्रभावी प्रबंधक की भूमिका को निभाता है। वह अभिनव सोच, समस्याओं का निदान, समर्थन आदि भी करता है। शैक्षिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रभावी रणनीतियां तैयार करनी चाहिए। साथ ही रणनीति की रुपरेखा तैयार करते समय छात्रों का ध्यान रखना चाहिए। यह बातें मंगलायतन विश्वविद्यालय की आईईआर की अध्यक्ष डा. दीपशिखा सक्सेना ने मंविवि द्वारा आयोजित की जा रही सेमिनार श्रृंखला में कहीं।
मंगलायतन विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ सेमिनार
शुक्रवार को विवि के शिक्षा एवं अनुसंधान संकाय द्वारा आयोजित प्रभावी कक्षा शिक्षण अधिगम के लिए रणनीतियां विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रो. उल्लास गुरूदास, प्रो. जयंतीलाल जैन, प्रो. आरके शर्मा, डा. अंकुर अग्रवाल, डा. अशोक कुमार उपाध्याय, डा. सिद्धार्थ जैन, डा. वाईपी गौर, डा. संजय पाल, अनुराधा यादव, रामकुमार पाठक, पूनम गुप्ता आदि थे।