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राज्य मानवाधिकार आयोग ने लखनऊ पुलिस से मांगा जवाब।
आयोग ने पुलिस कमिश्नर को दो सप्ताह में घटना की जांच करा के अपनी रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। रजमन बाजार चौकी में चोरी के आरोप में युवक को पेड़ से बांधकर पीटेने व करंट लगाने की घटना को लेकर प्रकाशित समाचार का आयोग ने स्वत संज्ञान लिया है।
लखनऊ, राज्य मानवाधिकार आयोग ने लखनऊ पुलिस द्वारा युवक को पेड़ से बांधकर पीटे जाने के मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बाल कृष्ण नारायण ने मामले का संज्ञान लेकर पुलिस आयुक्त, लखनऊ से जवाब तलब किया है। आयोग ने पुलिस कमिश्नर को दो सप्ताह में घटना की जांच करा के अपनी रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। रजमन बाजार चौकी में चोरी के आरोप में युवक को पेड़ से बांधकर पीटे जाने व करंट लगाए जाने की घटना को लेकर प्रकाशित समाचार का आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। आरोप है कि युवक से जेवर चोरी की वारदात स्वीकार करवाने के लिए पुलिस ने बर्बरता की। आयोग का कहना है कि यह प्रकरण मानवाधिकारों के हनन का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
चाेरी स्वीकार न करने पर बरसाईं थीं लाठियां
महिपालखेड़ा निवासी आशीष यादव गोमतीनगर में प्राइवेट नौकरी करता था। लाकडाउन के दौरान उसकी नौकरी छूट गई। इसलिए वह इन दिनों घर पर ही रह रहा था। आशीष ने बताया कि मंगलवार करीब एक बजे दोपहर वह घर के बाहर किसी काम से गया था। इस बीच रजमन बाजार चौकी से पुलिस कर्मी घर पहुंचे। उन्होंने मां और भाई से कहा कि आशीष आए तो उसे चौकी भेज देना। पूछताछ करनी है। लौटने पर घर वालों के कहने पर भाई सूरज के साथ चौकी पहुंचा। पुलिस ने चौकी के अंदर बुला लिया और भाई को घर भेज दिया। इसके बाद पड़ोस में रहने वाली बरखा के यहां तीन-चार दिन पहले हुए चोरी की घटना कबूल कराने का दबाव बनाने लगे। चोरी गए जेवर बरामद करने का दबाव बनाया। आशीष ने बताया कि जब उसने चोरी की ही नहीं तो वह स्वीकार क्यों करे। इस पर पुलिस कर्मी भड़क गए और गालियां देते हुए पीटने लगे। इसके बाद पीछे ले गए पेड़ में बांधकर लाठियों से पीटा। फिर करंट लगाया। आशीष ने कहा कि जब वह बेकसूर है तो क्यों चोरी करने की बात स्वीकारे इस पर पुलिस कर्मी और पीटने लगते। करीब तीन घंटे बीत गए तो घर वाले फिर पहुंचे।
पुलिस ने उन्हें थोड़ी देर में छोड़ने की बात कहकर घर भेज दिया, तभी पीटे जाने पर चीख निकली तो भाई विरोध करने लगा। घर वाले भी चौकी पर आ गए। पुलिस पुलिस ने अंदर बाल-वाल ठीक कराए और घर वालों के साथ भेज दिया। किसी से कुछ बताने पर धमाकाया। आशीष ने बताया कि वह लंगड़ाते हुए घर पहुंचा। घरवालों को सारी बात बताई। फिर एक स्थानीय डाक्टर के पास जाकर इलाज कराया। आशीष के मुताबिक पिटाई से उसकी गर्दन, पीठ, पेट और हाथ-पैर में गंभीर चोटे आयी हैं। इसके बाद पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आशीष ने मोबाइल से वीडियो बनाया और उसे इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया था।