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दिवंगत उड़नसिख मिल्खा सिंह की फाइल फोटो।
मिल्खा सिंह को फ्लाइंग सिख की उपाधि पाकिस्तान में मिली थी। मिल्खा सिंह ने पाकिस्तान के सबसे तेज धावक अबदुल खालिक को हरा दिया था। इसके बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने मिल्खा
चंडीगढ़ /फ्लाइंग सिख..। यह उपाधि मिल्खा सिंह को पाकिस्तान में मिली। उनके निधन के बाद भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी उनके प्रशंसकों की ओर से श्रद्धांजलि दी जा रही है। मिल्खा सिंह का जन्म पाकिस्तान में गांव कोट अद्दू (गोविंदपुरा) में हुआ था। मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए पाकिस्तान के शहर गोविंदपुरा के गांव कोट अद्दू के तहसीन कासिम ने ट्वीट कर एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने लिखा कि मिल्खा सिंह कोट अद्दू आना चाहते थे, जहां पर उनका जन्म हुआ। यह उनकी आखिरी इच्छा थी।
वहीं पाकिस्तान की एक खेल पत्रकार साद सादिक ने लिखा कि मिल्खा सिंह ने उन्हें कहा था, 'हम 50 एथलीट पाकिस्तान में बस से पहुंचे थे। वाघा सीमा से पाकिस्तान के अधिकारियों ने उन्हें खुली जीप में बिठा लिया, मैं यह कभी नहीं भूल सकता कि हजारों पाकिस्तानी मेरा स्वागत कर रहे थे। इससे साफ जाहिर था कि भारत और पाकिस्तान के लोग एक-दूसरे को नफरत नहीं करते हैं।'
एक अन्य ट्विटर हैंडलर दरवेश ने लिखा कि मिल्खा पाकिस्तान में पैदा हुए और भारत के लिए दौड़े, वह दोनों देशों के थे। वहीं मिल्खा सिंह भी कहा करते थे कि उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ और वह भारत में रहते हैं। परंतु जब किसी मुकाबले के लिए दौड़ता हूं तो भारत और पाकिस्तान दोनों मेरे साथ दौड़ते हैं। भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान उनके माता-पिता को दंगों में मार दिया गया। वह अक्सर उस दर्द को याद कर भावुक हो जाते थे। मिल्खा सिंह ने अपने एक इंटरव्यू में भी कहा था कि मुझे नहीं पता था कि पाकिस्तान में भी मुझे इतने चाहने वाले हैं।
ऐसे बने फ्लाइंग सिख, अबदुल खालिक भी किए गए याद
पाकिस्तान के धावक अबदुल खालिक को हराने के बाद ही उन्हें फ्लाइंग सिख की उपाधि दी गई थी। दरअसल, 1960 में मिल्खा सिंह को पाकिस्तान में होने वाले अंतरराष्ट्रीय एथलीट मुकाबलों में शामिल होने का न्यौता मिला था। जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू के समझाने के बाद मिल्खा सिंह पाकिस्तान गए थे।
अबदुल खालिक उस समय पाकिस्तान के सबसे तेज धावक थे और वहां पर उनके नाम का डंका बजता था। तब मिल्खा सिंह ने अबदुल खालिक को हरा दिया था। इसके बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने मिल्खा सिंह को फ्लाइंग सिख की उपाधि दी थी। शनिवार को मिल्खा सिंह के साथ ही पाकिस्तान में अबदुल खालिक को भी याद किया गया। कई लोगों ने तो यह भी लिखा कि मिल्खा सिंह पर बनी फिल्म के कारण ही उन्हें पाकिस्तानी धावक अबदुल खालिक के बारे में पता चला।