RGA news
भोजगण निवासी विनोद कुमार का मकान ध्वस्त हो गया है। परिवार के चार सदस्य बेघर हो गए हैं।
हिमालय से सटे गांवों में अभी भी रुक-रुक कर बारिश हो रही है। जिससे छह सड़कें बंद हैं और तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जबकि कर्मी गांव के हयात गधेरे में एक व्यक्ति का बैल बह गया
: जिले में बारिश थम गई है। लेकिन भूस्खलन का खतरा तेज हो गया है। वहीं हिमालय से सटे गांवों में अभी भी रुक-रुक कर बारिश हो रही है। जिससे छह सड़कें बंद हैं और तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जबकि कर्मी गांव के हयात गधेरे में एक व्यक्ति का बैल बह गया है।
बारिश के कारण जिले में अभी भी छह मोटर मार्ग आवागमन के लिए बंद हैं। जिससे लोगों की दिक्कतें बढ़ गई है। कपकोट-शामा-तेजम, सिरलोनी-लोहागढ़ी, कंधार-रौल्याना, बीनातोली-कुंझाली, बघर, रिखाड़ी-बाछम आदि सड़कें 20 जून से बंद हैं। गरुड़ तहसील में अतिवृष्टि से दर्शानी गांव निवासी लीला देवी पत्नी गणेश दत्त का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। परिवार के छह सदस्यों ने पड़ोसियों के घर में शरण ली है। भोजगण निवासी विनोद कुमार पुत्र भैरव दत्त का मकान ध्वस्त हो गया है। परिवार के चार सदस्य बेघर हो गए हैं। रतौड़ा गांव निवासी गोविंद राम पुत्र हीरा राम का मकान भी ध्वस्त हो गया है
परिवार के चार सदस्यों ने अन्यत्र शरण ली है। उधर, कपकोट तहसील में कर्मी निवासी कुंदन सिंह पुत्र त्रिलोक सिंह का बैल भयात नाले में बह गया है। इधर, मालता गांव में चरण सिह पुत्र स्व. लाल सिंह के मकान के ऊपर चीड़ का सूखा पेड़ गिर गया है। जिससे उनके मकान को भारी क्षति हुई है। पीड़ित ने जांच कर दैवीय आपदा के तहत मुआवजा देने की मांग की है। बारिश में पहाड़ की हालत बहुत ही खराब हो रहा है। कई रास्ते कई दिनों से बंद पड़े हैं। लोगों का जनज
जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार मानसूनी बारिश के आसार बने हुए हैं। जिला प्रशासन ने 24 घंटे अलर्ट जारी किया है। बंद सड़कों को खोलने का काम युद्ध स्तर से चल रहा है। नुकसान का जायजा लेने में राजस्व विभाग की टीम जुटी है।