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RGAन्यूज़
साईं बाबा के 11 अनमोल वचन, जो करेंगे आपके सारे दुख दूर
Sai Baba ke Vachan साईं बाबा के 11 अनमोल वचन जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन में खुशियों का उजाला कर सकते हैं। साईं के इन वचनों को गुरुवार को पीले कागज पर लाल कलम से लिखकर पाठ करने से विशेष लाभ होता है।
Sai Baba ke Vachan: साईं का नाम है श्रद्धा का, साईं का नाम है सबूरी का। यही वजह है कि जो भी सच्चे मन से साईं के दरबार में अपना सिर झुकाता है, बाबा की कृपा उस पर जरूर होती है। साईं का जैसा सादगी भरा स्वरूप है, उनकी पूजा भी उनती ही आसान है। यूं तो साईं बाबा की महिमा हर दिन भक्तों का भला करती है, उनके दुख दूर करती है, लेकिन गुरुवार को साईं बाबा की पूजा का विशेष लाभ होता है।
साईं की शिक्षा लोककल्याण की है और उन्होंने अपने भक्तों को भी इसी रास्ते पर बढ़ने की सीख दी। आपको बताते हैं साईं बाबा के 11 अनमोल वचन, जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन में खुशियों का उजाला कर सकते हैं। साईं के इन वचनों को गुरुवार को पीले कागज पर लाल कलम से लिखकर पाठ करने से विशेष लाभ होता है।
1- जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा- शिरडी साईं बाबा का धाम है। माना जाता है कि यहां आने भर से भक्तों के हर दुख दूर हो जाते हैं।
2- चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर- शिरडी धाम का प्रभाव इतना ज्यादा है कि इस मंदिर की सीढ़ी पर पैर रखते ही आपके दुख दूर होने लगते हैं।
3- त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ा आऊंगा- साईं बाबा अपने अलौकिक रूप में शिरडी में आज भी मौजूद हैं और इसी रूप से वो भक्तों की हर पीड़ा हर लेते हैं।
4- मन में रखना दृढ़ विश्वास, करे समाधि पूरी आस- श्रद्धा का अर्थ है विश्वास और साईं ने यही शिक्षा अपने भक्तों को दी है। जो भी सच्चे मन से समाधि लगाएगा, उसकी हर मनोकामना पूरी होगी।
5- मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो- साईं बाबा अजर-अमर हैं, जो सच्चे दिल से साईं का ध्यान करता है, बाबा हर मुसीबत में उसका साथ देते हैं।
6- मेरी शरण आ खाली जाए, हो तो कोई मुझे बताए- साईं भक्तों की झोली भरते हैं, उसके दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटता।
7- जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का- साईं ने भक्तों को बताया है कि वो जिस रूप में उन्हें देखेंगे, बाबा उसी रूप में उन्हें नजर आएंगे।
8- भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन ना मेरा झूठा होगा- बाबा भक्तों के हर कष्ट को अपना मानकर उसे दूर करते हैं।
9- आ सहायता लो भरपूर, जो मांगा वो नहीं है दूर- साईं कहते हैं कि जो भी भक्त श्रद्धाभाव से उनसे कुछ मांगेगा, उसे जरूर मिलेगा।
10-मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया- जो भक्त मन और कर्म से साईं में लीन हो जाता है, बाबा उसके हमेशा के लिए ऋणी हो जाते हैं।
11-धन्य-धन्य वो भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य- हर वो भक्त जो साईं को ही सबकुछ मानता है, वो साईं की नजरों में धन्य है।