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RGA न्यूज़
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में समाजवादी पार्टी का जो उत्साह दिखाई दे रहा था वह अध्यक्ष के चुनाव नजदीक आते ही गायब से दिखाई दे रहा है। 26 सीटें होने के बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चुनौतियां दिखाई दे रही है।
बरेली, जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में समाजवादी पार्टी का जो उत्साह दिखाई दे रहा था, वह अध्यक्ष के चुनाव नजदीक आते ही गायब से दिखाई दे रहा है। झोली में 26 सीटें होने के बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए तमाम चुनौतियां दिखाई दे रही है। पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी के कारण खेल बिगड़ने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। वही, अपने भी हाथ से खिसकने का डर बना हुआ है।
समाजवादी पार्टी का जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अच्छा इतिहास रहा है। वर्ष 1995 में पूर्व विधायक महिपाल सिंह की पत्नी सरोज यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाली। दो साल बाद उन्हें सीट से हटाना पड़ा। फिर 2003 में दूसरी और 2005 में वह तीसरी बार जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं। वर्ष 2015 में संजय सिंह ने कुर्सी संभाली। वर्ष 2017 में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया, जिसे वह जीत गए लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। इस बार जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में भी सपा ने बेहतर प्रदर्शन किया।
60 वार्ड में से 26 सदस्यों ने सपा के टिकट पर जीत दर्ज की। पार्टी ने कुछ समय पहले नवाबगंज की विनीता गंगवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया। उसके बाद से प्रत्याशी समर्थन जुटाने में लगी हैं। प्रत्याशी को जीत के लिए मात्र पांच सदस्य ही चाहिए, लेकिन इस राह में तमाम चुनौतियां सामने खड़ी हैं। पार्टी के अंदर ही गुटबाजी के कारण क्रास वोटिंग की आशंका जताई जा रही है। वही यह भी आशंका है कि पार्टी के अपने सदस्य ही हाथ से खिसक सकते हैं।