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महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बार मालिकों से तीन माह में वसूले चार करोड़।
ईडी को पता चला है कि मुंबई के 10 बार मालिकों ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को तीन महीने में चार करोड़ रुपये दिए। दूसरी ओर ईडी ने शुक्रवार को देशमुख के नागपुर और मुंबई के ठिकानों पर दूसरी बार छापेमारी की।
मुंबई, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पता चला है कि मुंबई के 10 बार मालिकों ने देशमुख को तीन महीने में चार करोड़ रुपये दिए। दूसरी ओर, ईडी ने शुक्रवार को देशमुख के नागपुर और मुंबई के ठिकानों पर दूसरी बार छापेमारी की। पुलिस अधिकारियों को प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये की वसूली का टार्गेट देने के कारण ही देशमुख को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआइ भी उन पर लगे इन्हीं आरोपों की जांच कर रही है। उन पर ये आरोप मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लगाए थे। इसके अलावा अंटीलिया प्रकरण एवं मनसुख हिरेन हत्याकांड में गिरफ्तार हो चुके मुंबई पुलिस के बर्खास्त एपीआइ सचिन वाझे ने भी एनआइए अदालत को लिखे पत्र में देशमुख पर यही आरोप लगाए थे। देशमुख ने वाझे को ही अपने सरकारी आवास ज्ञानेश्वरी पर बुलाकर उसे प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया था।
वाझे के अनुसार देशमुख ने उससे कहा था कि मुंबई में 1,750 रेस्तरां एवं बार हैं। इनसे हर महीने 40-50 करोड़ रुपये वसूले जा सकते हैं। वाझे और परमबीर के इन आरोपों की जांच ईडी और सीबीआइ कर रही हैं। पता चला है कि ये एजेंसियां अब तक कई बार मालिकों से पूछताछ कर चुकी हैं। इसी पूछताछ में ईडी को पता चला है कि 10 बार मालिकों ने देशमुख को सिर्फ तीन महीने में चार करोड़ रुपये दिए हैं। इसी जानकारी के बाद ईडी ने शुक्रवार को देशमुख के नागपुर स्थित निजी आवास के साथ-साथ मुंबई स्थित उनके सरकारी आवास ज्ञानेश्वरी एवं वरली की सुखदा इमारत स्थित फ्लैट पर भी छापे मारे। ईडी ने उनके दो सहायकों कुंदन शिंदे एवं संजीव पलांडे के घर पर भी छापेमारी की है। वाझे ने अपने आरोपों में कहा था कि जब वह देशमुख के बुलाने पर उनके घर गया था, तो वहां देशमुख के ये दोनों सहायक भी उपस्थित थे। ईडी देशमुख के विरुद्ध मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच कर रहा है। देशमुख के नागपुर आवास पर छापेमारी के दौरान ईडी को राकांपा कार्यकर्ताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा। ऐसी परिस्थितियों का अनुमान लगाकर ही ईडी की टीम अपने साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक टुकड़ी लेकर गई थी।
छापेमारी को लेकर शिवसेना और भाजपा आमने-सामने
देशमुख के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी को लेकर शिवसेना-भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि राज्य के नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों के जरिये बिना कारण परेशान किया जा रहा है। इसके जवाब में भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि देशमुख के खिलाफ जांच हाई कोर्ट के निर्देश पर की जा रही है। यह कहना गलत होगा कि ईडी की कार्रवाई के पीछे किसी तरह की राजनीति है।
शरद पवार बोले, चिंता करने की जरूरत नहीं
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अनिल देशमुख के परिसर में ईडी के छापे पर कहा कि यह हमारे लिए नया नहीं है। दूसरों के खिलाफ भी प्रयास किए गए। केंद्रीय एजेंसियों की निगाह उनके बेटे के कारोबार पर थी, लेकिन जहां तक मुझे पता है उन्हें कुछ नहीं मिला इसलिए वे अन्य जगहों पर उनके परिवार के लिए परेशानी खड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं। चिंता करने की जरूरत नहीं है।