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जिला पंचायत सदस्य महबूब अली की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज।
बागपत के ग्राम बरनावा में दुकान पर उर्वरकों की बिक्री में कालाबाजारी करने के मामले में जिला पंचायत सदस्य महबूब अली को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया हैं
बागपत। ग्राम बरनावा में दुकान पर उर्वरकों की बिक्री में कालाबाजारी करने के मामले में जिला पंचायत सदस्य महबूब अली को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। अधिकारियों को कालाबाजारी करने की मिली जानकारी के बाद दुकानों पर छापा मारा था, जिसके बाद कुछ अहम तथ्य सामने आए थे। साथ ही कालाबाजारी में इन्हें आरोपित भी पाया गया था।
वार्ड तीन के जिला पंचायत सदस्य महबूब अली की ग्राम बरनावा में ग्रीन फर्टिलाईजर के नाम से दुकान है। अफसरों को शिकायत मिली थी कि मैसर्स महबूब अली दुकान पर मनमानी दरों पर उर्वरकों की बिक्री कर रहे है। इसी कारण जिला कृषि अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने टीम के साथ गत आठ जून को दुकान पर छापामारी की थी। उनको दुकान पर यूरिया व डीएपी उर्वरक उपलब्ध हुआ था, लेकिन दुकानदार के पास कैश मैमो व स्टाक रजिस्टर नहीं मिले थे। अधिकारियों ने प्राप्त दस्तावेज सीज कर दिए थे। बाद में बिनौली थाने में मैसर्स महबूब अली के खिलाफ 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया था।
केस के आरोपित महबूब अली ने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल करते हुए अवगत कराया कि उनकी करीब 25 वर्षो से दुकान है। इससे पहले न तो किसी ग्राहक ने उनकी शिकायत है और न ही कभी उर्वरक का कोई सैंपल फेल आया है। उनको केस में रंजिशन झूठा फंसाया गया है। पिछले दस दिनों से बिनौली थाने पर कई बार बुलाया जा चुका है। उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। भाजपा के उम्मीदवार को वोट देने से मना किया तो उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया गया। एडीजीसी अनुज ढाका ने बताया कि उनके द्वारा अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। एडीजे चतुर्थ सुशील कुमार तृतीय की अदालत ने आरोपित महबूब अली की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए उसको खारिज कर दिया है।