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पीजीआइ चंडीगढ़ के 88 प्रोफेसर्स को प्रमोट किया गया है।
पीजीआइ चंडीगढ़ ने शनिवार को 13 प्राेफेसर ग्रेड के डॉक्टरों को सीनियर प्रोफेसर और 75 असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड के डॉक्टरों को एसोसिएट प्रोफेसर बनाया है। इसके अलावा सीनियर रेजिडेंट्स डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में पांच साल उम्र बढ़ाई है
चंडीगढ़। पीजीआइ चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के समक्ष 88 डॉक्टरों की प्रोमोशन का मुद्दा उठाया गया था। मंत्रालय की ओर से शनिवार को पीजीआइ के 88 डॉक्टरों की प्रोमोशन को मंजूरी दे दी गई। पीजीआइ चंडीगढ़ ने शनिवार को 13 प्राेफेसर ग्रेड के डॉक्टरों को सीनियर प्रोफेसर और 75 असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड के डॉक्टरों को एसोसिएट प्रोफेसर बनाया है। इसके अलावा सीनियर रेजिडेंट्स डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में पांच साल उम्र बढ़ाई है। पीजीआइ के डिप्टी डायरेक्टर एडमिन कुमार गौरव धवन ने जानकारी देते हुए बताया कि सीनियर रेजिडेंट्स की भर्ती की उम्र 40 से बढ़ाकर 45 कर दी गई है।
डीडीए कुमार गौरव धवन ने बताया कि पीजीआइ में तीन अलग विभाग बनाने की भी शनिवार को औपचारिक तौर पर मंजूरी मिली गई। पीजीआइ में कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए अलग से ऑन्कोलॉजी विभाग का निर्माण किया जाएगा। इस विभाग के तहत एक ही छत के नीचे मेडिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर पीड़ितों को इलाज मुहैया कराएंगे। इसके अलावा सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेमेटोलॉजी विभाग अलग से बनाए जाएंगे।
पीजीआइ के डॉ. जसप्रीत सुखिजा को एआइओएस-2021 अवॉर्ड
पीजीआइ के एडवांस आई सेंटर के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. जसप्रीत सुखिजा को इंटनेशनल ऑप्थेलमिक हीरोज ऑफ इंडिया-(एआइओएस) 2021 अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। प्रो. सुखिजा बाल चिकित्सा नेत्र विज्ञान और न्यूरो-नेत्र विज्ञान विभाग का प्रबंधन कर रहे हैं। मोतियाबिंद से पीड़ित बच्चों में सर्जरी के लिए एक बेहतर तकनीक का वर्णन करने के लिए बाल चिकित्सा नेत्र विज्ञान में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया।