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RGA न्यूज़
भविष्य निधि अपने यहां पंजीकृत कर्मचारी को बीमा योजना का लाभ भी देता है।
ईडीएलआइ योजना के अंतर्गत मिलता है अंशधारक को सात लाख का लाभ। बिना अतिरिक्त भुगतान जीवन के बाद भी रहती है सामाजिक सुरक्षा। यदि कर्मचारी ने अपने आश्रित का निर्धारण नहीं किया है तो उनके बच्चे या पति या पत्नी बीमा राशि का क्लेम कर सकते हैं।
आगरा, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी अपनी कमाई का कुछ हिस्सा अंशदान स्वरूप जोड़ते। ताकी भविष्य या मुश्किल समय में पैसों की जरूरत पर उन्हें किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े और इस फंड से रुपये निकालकर काम निकाल सकें। ईपीएफओ का काम सिर्फ इतना भर नहीं। संगठन में अपने इस छोटे से योगदान के कारण कर्मचारियों को कई और लाभ भी निश्शुल्क मिलते हैं। उनमें से एक है इम्पलाइज डिपाजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (ईडीएलआइ)। यह योजना भी अशंधारक को बड़ी सुरक्षा प्रदान करती है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय आयुक्त आरके पाल ने बताया कि यदि किसी अंशधारक सदस्य की अचानक किसी हादसे में मृत्यु हो जाती है, तो उनके स्वजन या आश्रित को ईडीएलआइ के कारण सात लाख रुपये की एकमुश्त राशि मिलेगी। यदि कर्मचारी ने अपने आश्रित का निर्धारण नहीं किया है, तो उनके बच्चे या पति या पत्नी बीमा राशि का क्लेम कर सकते हैं।
यह भी हैं लाभ
- मार्च 2020 में हुई बैठक में केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) के ईपीएफओ न्यासियों ने सिफारिश की थी कि जिन कर्मचारी का निधन उसके सेवा के दौरान हो जाता है कि उनके स्वजन को न्यूनतम ढ़ाई लाख रुपये का निश्चित लाभ मिलना चाहिए।
- ईपीएफओ में अंशदान करने वाले कर्मचारी को इसका लाभ लेने के लिए अलग से बीमा खरीदने की जरूरत नहीं है। ईपीएफओ में अंशदान पर इसका लाभ मिलेगा।
- योजना का पैसा अशंधारक के स्वजन या आश्रित के बैंक खाते में एकमुश्त जाता है। पूरी राशि एक साथ मिलती है।
- अंशधारक कर्मचारियों को इसके लिए कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना पड़ता। नियोक्ता अंश का 0.5 फीसद योगदान करता है।