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एक माह बाद भी छात्र के बंधक बनाने व आनलाइन गेम मामले में फरार चेतन काे पुलिस नहीं खोज पाई।
फरार होने के दो दिन बाद पिस्टल लिए चेतन की फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई थी। इसे लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। ऐसा इसलिए कि पिस्टल लिए यह फोटो सिर्फ पुलिस के पास थी। ऐसे में सवाल उठा कि आखिर यह फोटो वायरल कैसे हो
प्रयागराज, प्रयागराज शहर में शिवकुटी थाना क्षेत्र के गोविंदपुर स्थित एक मकान में बंधक बनाकर रखे गए छात्र के मामले में फरार चेतन को एक माह बीतने के बाद भी पुलिस नहीं खोज सकी है। उसकी तलाश में जिले के कई स्थानों के साथ ही गोरखपुर जनपद स्थित उसके घर पर भी दबिश दी गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस को आशंका है कि वह दिल्ली में कहीं छिपकर रह रहा है, लेकिन कहां, इस बा में पुलिस को कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है।
पिस्टल लिए फोटो हुई थी वायरल
फरार होने के दो दिन बाद पिस्टल लिए चेतन की फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई थी। इसे लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। इसके पीछे वजह यह थी कि पिस्टल लिए यह फोटो सिर्फ पुलिस के पास थी। ऐसे में सवाल उठा कि आखिर यह फोटो वायरल कैसे हो गई। पुलिस अधिकारियों ने उस समय इसकी जांच की बात कही थी, लेकिन इसमें भी कुछ नहीं हुआ। आज तक पता नहीं चला कि आखिर चेतन की पिस्टल लिए फोटो किसने वायरल की थी।
नौकरी का झांसा देकर दोस्त को बनाया था बंधक
बेंगलुरू का रहने वाला अजय दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है। पिछले माह 24 मई को उसके दोस्त चेतन निवासी गोरखपुर ने उसे यहां नौकरी दिलाने का झांसा देकर बुलाया था। उसे गोविंदपुर में किराए का कमरा लेकर रहने वाले अपने मित्र प्रदीप कुमार निवासी जिंदापुर थाना पीपीगंज जनपद गोरखपुर के यहां ले गया था। यहां आपराधिक प्रवृत्ति का राहुल यादव उर्फ रुद्र निवासी भैसही थाना कसैया जनपद कुशीनगर भी मौजूद था।
आनलाइन गेम में रुपये जीतने पर बंधक बनाया था
प्रदीप और राहुल को चेतन ने बताया कि अजय अनलाइन गेम बढ़िया खेलता है और रुपये जीतता है। 25 मई को राहुल ने आनलाइन गेम में रुपये लगाए तो अजय ने 40 हजार रुपये जीत लिए। चेतन रुपये लेकर भाग निकला, जिस पर राहुल व प्रदीप ने अजय को कमरे में बंधक बना लिया था। 29 मई को अजय ने पुलिस को मैसेज किया तो जाकर उसकी जान बची थी। राहुल व प्रदीप को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था। जबकि चेतन हाथ नहीं लगा था।