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डफरिन अस्पताल के इग्नू प्रशिक्षण सभागार में पीकू में कार्य करने वाले चिकित्साधिकारियों और नर्सों को प्रशिक्षण दिया गया।
पीकू में कार्य करने वाले चिकित्साधिकारियों और स्टाफ नर्स की क्षमता वर्धन के लिए दो दिवसीय कार्यशाला शुरू की गई है। ऐसे तीन प्रशिक्षण सत्र आयोजित होंगे जिनमें प्रत्येक बैच में 30-30 प्रतिभागियों को यह बताया जाएगा कि वे बच्चों के इलाज में किस तरह संभाले
प्रयागराज, कोरोना की तीसरी लहर का केंद्र बिंदु अगर वैरिएंट के नए स्वरूप डेल्टा प्लस को लेकर है तो बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। अस्पतालों में विशेष रूप से बनाए जा रहे बच्चों के आइसीयू यानी पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) को रेडी मोड में रखना प्राथमिकता है। इसके मद्देनजर शनिवार को डफरिन अस्पताल के इग्नू प्रशिक्षण सभागार में पीकू में कार्य करने वाले चिकित्साधिकारियों और नर्सों को प्रशिक्षण दिया गया।
इन अस्पतालों में बनाए गए हैं पीकू वार्ड
प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य चिकित्साधिकारी डा. प्रभाकर राय के निर्देशन में चला। बताया गया कि टीबी सप्रू चिकित्सालय यानी बेली अस्पताल में 40 बेड, एसआरएन के लेवल थ्री कोविड अस्पताल में 100 बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फूलपुर, कोटवा एट बनी, रामनगर और मांडा में 10-10 बेड का पीकू क्रियाशील किया जा रहा है।
क्षमता वर्धन के लिए दो दिवसीय कार्यशाला
इसी क्रम में पीकू में कार्य करने वाले चिकित्साधिकारियों और स्टाफ नर्स की क्षमता वर्धन के लिए दो दिवसीय कार्यशाला शुरू की गई है। ऐसे तीन प्रशिक्षण सत्र आयोजित होंगे जिनमें प्रत्येक बैच में 30-30 प्रतिभागियों को यह बताया जाएगा कि वे बच्चों के इलाज में किस तरह संभालें
इन्होंने दिया प्रशिक्षण
राज्य मुख्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त बाल रोग विशेषज्ञ डा. अजीत सिंह, चिकित्साधिकारी डा. राम सिंह, स्टाफ नर्स मनोज सिंह, नर्स मेंटर गुंजा और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल अफसर डा. आलोक कुमार ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण के दूसरे दिन हैंड आन ट्रेनिंग बेली अस्पताल में दी जाएगी।