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मेरठ में कोरोना की दवाओं की प्रिंट भी होती थी तैयार।
ब्रह्मपुरी के साईंपुरम से गिरफ्तार किए मोनू लोधी ने कोविड-19 के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाइयों के रेपर भी तैयार किए थे। मोनू पर कोविड के समय भी नकली दवाइयों के स्टिप प्रिंटेड डिब्बे और स्कैनिंग कोड लगाने के आर्डर काफी बढ़ गए थे।
मेरठ। ब्रह्मपुरी के साईंपुरम से गिरफ्तार किए मोनू लोधी ने कोविड-19 के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाइयों के रेपर भी तैयार किए थे। मोनू पर कोविड के समय भी नकली दवाइयों के स्टिप, प्रिंटेड डिब्बे और स्कैनिंग कोड लगाने के आर्डर काफी बढ़ गए थे। उस समय रात-दिन छपाई करने के बाद आर्डर पूरे किए गए थे। पुलिस के छाने के बाद से करोड़ों के सामाना आरोपित मोनू के पास से बरामद किए गए थे।
रविवार को लखनऊ की एलडीए कालोनी से मनीष मिश्र की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश में नकली दवाइयां बनाने वाले बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। मनीष की निशानदेही पर कानपुर की गोविंद नगर पुलिस ने चकेरी निवासी पिंटू गुप्ता उर्फ गुड्डू व बेकनगंज निवासी आसिफ मोहम्मद खां उर्फ मुन्ना को नकली दवाइयों के साथ गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से करीब दो करोड़ की दवाइयां बरामद की गई। सामने आया कि नकली दवाइयों के स्टिप, प्रिंटेड डिब्बे और स्कैनिंग कोड लगाने का काम मेरठ के ब्रrापुरी की साईंपुरम कालोनी में होता है। मोनू लोधी ही दवाइयों के नकली रेपर छापता था। सभी रेपर पर दवाइयों का बैच नंबर और कंपनी का होलोग्राम तक अंकित होता है। नकली और असली दवाइयों को पहचान पाना डाक्टर के बस की बात नहीं थी। कानपुर और अलीगढ़ पुलिस के साथ मिलकर ब्रrापुरी पुलिस ने मोनू को करोड़ों की दवाइयां और रेपर के साथ गिरफ्तार किया था।
पालीथिन से नकली दवाइयों के रेपर तैयार करने लगा था मोनू
मोनू लोधी ने सबसे पहले पालीथिन की छपाई शुरू की थी। दुकानों से आर्डर लाकर पालीथिन की छपाई करता था। अलीगढ़ से लेकर मुजफ्फरनगर और अन्य शहरों की दुकानों और कंपनियों से आर्डर लेकर पालीथिन की छपाई करता था। डेढ़ साल पहले अलीगढ़ में मोनू की मुलाकत नकली दवाइयों का धंधा करने वाले गोपी से हुई थी। गोपी ने ही उसे दवाइयों के रेपर और स्टिप तैयार करने का आर्डर दिलाया था। लालच में आकर मोनू ने पालीथिन का काम छोड़कर दवाइयों के स्टिप, डिब्बे की प्रिटिंग और स्कैनिंग कोड तक तैयार करना शुरू कर दिया। इसके लिए आधुनिक मशीन तक ले आया। कोविड-19 की लहर में मोनू पर बड़ी संख्या में दवाइयों के स्टिप तैयार करने का आर्डर आया था। तब से करोड़ों का सामान बेच चुका है। उसके गोदाम से भी पुलिस ने करोड़ों का सामान बरामद किया है। एसपी सिटी विनीत भटनागर का कहना है कि ब्रrापुरी पुलिस मोनू से जुड़े हुए अन्य लोगों की भी पड़ताल कर रही है।
मुजफ्फरनगर में गोपनीय ढंग से हुई छापेमारी
कानपुर से नकली दवाइयों का जखीरा बरामद होने के बाद पकड़े गए आरोपित मोनू की निशानदेही पर मेरठ पुलिस ने सिविल लाइन थाने के आर्यसमाज रोड स्थित एक कालोनी में दबिश दी। शनिवार देर रात दी गई दबिश की जानकारी मुजफ्फरनगर पुलिस को भी नहीं दी गई। पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है। दोनों को पुलिस मेरठ लेकर रवाना हो गई। एसपी क्राइम दुर्गेश कुमार ने दबिश से इनकार किया है।