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आठवी कक्षा तक के स्कूलों में भी इस साल फीस नहीं बढ़ाई जा सकती है।
माध्यमिक के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने लिया फैसला। आफलाइन परीक्षा न होने तक नहीं ले सकेंगे परीक्षा शुल्क अन्य शुल्क लेने पर भी रोक। इसके बाद भी किसी विद्यालय की मनमानी करने की शिकायत मिली तो जांच की जाएगी। मान्यता भी निरस्त भी की जा सकती है।
आगरा, कोरोना संक्रमण के कारण बिगड़े हालात पर शासन ने अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। माध्यमिक के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने भी सभी बोर्ड के संचालित विद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वह शैक्षिक सत्र 2021-22 में कक्षा एक से आठवीं तक से कोई शुल्क वृद्धि न करें।
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार यादव ने बताया कि यह आदेश शिक्षा निदेशक बेसिक के निर्देश पर संयुक्त शिक्षा निदेशक बेसिक गणेश कुमार ने जारी किया। इसके अंतर्गत कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हालात की असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए शैक्षिक सत्र 2021-22 में कक्षा एक से आठवीं तक के सभी बोर्ड द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त व निजी विद्यालयों में शुल्क वृद्धि न की जाए। विद्यालय पिछले सत्र की तरह सिर्फ शैक्षिक सत्र में लागू शुल्क संरचना के अनुसार ही शुल्क लें। यदि किसी कारण से बढ़ा हुआ शुल्क ले लिया है तो उसे आगामी महीनों में समायोजित कर दें।
अन्य शुल्क लेने पर रोक
आदेश में ऑफलाइन परीक्षा न होने तक परीक्षा शुल्क विद्यार्थियों से न लेने के भी निर्देश हैं। साथ ही विद्यालय बंद रहने तक क्रीड़ा, विज्ञान-प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, कंप्यूटर, वार्षिक कार्यक्रम आदि गतिविधियों के नाम पर भी कोई शुल्क या परिवहन शुल्क नहीं लिया जाएगा। इतना ही नहीं, यदि कोई विद्यार्थी या उसके स्वजन कोविड-19 संक्रमित हैं और उन्हें किसी महीने का शुल्क देने में कठिनाई हो रही है, तो लिखित अनुरोध कर विद्यालय उस महीने का शुल्क, अग्रिम महीनों का शुल्क किश्तों के रूप में समायोजित करें।
शिकायत पर जाएगी मान्यता
साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि इसके बाद भी किसी विद्यालय की मनमानी करने की शिकायत मिली, तो जांच की जाएगी। आरोप पुष्ट होने पर संबंधित विद्यालय की मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई की जाएगी