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इस मामले में कई संदिग्धों को एनआइए ने अपने रडार पर रखा है।
कई के नाम और पते के साथ संचालनकर्ताओं से जुड़ी जानकारी टीम ने जुटाई। चिह्नित लोगों का खंगाला जा रहा इतिहास चिह्नित नंबरों के कॉल डिटेल के अध्ययन के बाद कई की खोज। स्थानीय पुलिस ने इस संदर्भ में काफी सूचनाएं उपलब्ध कराई ह
। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने दो दिन जांच के दौरान मिथिलांचल में आतंकी गतिविधियों से जुड़े तकरीबन एक दर्जन नवोदित संगठनों के विषय में जानकारी हासिल की है। कई के नाम और पते के साथ संचालनकर्ताओं से जुड़ी अहम जानकारियों को लेकर टीम वापस हुई है। सूत्रों का कहना है कि स्थानीय पुलिस ने इस संदर्भ में काफी सूचनाएं उपलब्ध कराई हैं। जिले के लहेरियासराय, विश्वविद्यालय, जाले, केवटी और रैयाम थाना क्षेत्र में एनआइए की टीम पूर्व में कई बार इंडियन मुजाहिदीन के प्रमुख यासीन भटकल और उसके साथियों के खोज में छापेमारी कर चुकी है। अब फिर से इन क्षेत्रों पर टीम की पैनी नजर है। इन इलाकों के नवोदित संगठनों की तफ्तीश की जा रही है। ब्लास्ट से इनका कोई संबंध है या नहीं यह स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन इनके तार जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में कई संदिग्धों को एनआइए ने अपने रडार पर रखा है। चिह्नित संदिग्ध मोबाइल नंबरों के धारकों की पहचान के बाद उनकी खोज की जा रही है, ताकि कडिय़ों को आपस में जोड़ा जा सके।
पीएफआइ को लेकर भी सतर्कता : पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) संगठन को लेकर भी दरभंगा में चर्चा रहा है। सीएए के विरोध में दिल्ली के शाहीनबाग में हुए धरना-प्रदर्शन और दंगे की जांच दौरान 12 मार्च, 2020 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कथित संलिप्तता को लेकर पीएफआइ के दिल्ली अध्यक्ष परवेज और सचिव इलियास को गिरफ्तार किया था। परवेज दरभंगा जिले के विशनपुर थाना क्षेत्र के नरसारा गांव का रहने वाला है। शाहीनबाग में चल रहे प्रदर्शन के दौरान उस पर फंड मुहैया कराने का आरोप लगा था। उससे 73 बैंक खातों में 120.5 करोड़ रुपये भेजने के मामले में भी पूछताछ की गई थी। उस समय एटीएस ने यह जानने की कोशिश की थी कि परवेज की कोई गतिविधि दरभंगा में तो नहीं है, हालांकि ऐसा साक्ष्य नहीं मिला था, लेकिन इस पर भी नजर है। सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसी यह जानना चाह रही है कि जिले में इस तरह के संगठन कौन चला रहा है और फंङ्क्षडग का जरिया क्या है?