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RGA न्यूज़
पश्चिम बंगाल से आने वाली ट्रेनों पर खास नजर रखेंगीं।
बच्चों की तस्करी को लेकर अलीगढ़ स्टेशन पर अलर्ट घोषित किया गया है। साथ ही आरपीएफ जीआरपी व चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें बिहार व पश्चिम बंगाल से आने वाली ट्रेनों पर खास नजर रखेंगीं।
अलीगढ़, बच्चों की तस्करी को लेकर अलीगढ़ स्टेशन पर अलर्ट घोषित किया गया है। साथ ही आरपीएफ, जीआरपी व चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें बिहार व पश्चिम बंगाल से आने वाली ट्रेनों पर खास नजर रखेंगीं।
23 बच्चों को मुक्त कराया
बिहार से दिल्ली जाने वाली कामाख्या नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस में रविवार व सोमवार को लगातार दो दिन में ही तस्करी कर ले जाए जा रहे 23 बच्चों को मुक्त कराया गया है। अन्य ट्रेनों से भी कहीं बच्चे न ले जाए जा रहे हों, इसके लिए जीआरपी, आरपीएफ व चाइल्ड लाइन ने नजर रखने का निर्णय लिया है। इसके लिए टीमों की प्लेटफार्म व शिफ्टबाइज ड्यूटी लगाई गई हैं। स्टेशन के सातों प्लेटफार्म पर खोजी दस्ते की एक टीम बनाकर उनकी तीन शिफ्टों में आठ-आठ घंटे की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें कुछ सदस्य सादा वर्दी में भी हैं जो सभी ट्रेनों में बच्चों की तलाश करेंगे। आरपीएफ इंस्पेक्टर सीएस तोमर व जीआरपी अब्दुल मोईज ने बताया कि ट्रेनों में बच्चों को बाल श्रम के लिए तस्करी कर ले जाने के मिले इनपुट के आधार पर छापेमारी की गई। ट्रेनों पर नजर रखने के अलावा स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कंट्रोल रूम से भी प्लेटफार्मों पर नजर रखी जा रही है।
साथ लाने वालों ने किया पहचानने से इन्कार, बच्चे अंकल पुकारते रहे
स्टेशन से शेल्टर होम तक अजीब नजारा रहा। बच्चों को साथ लाने वाले लोग बदल चुके थे। बच्चे बार-बार अंकल पुकार रहे थे, जबकि ये लोग बच्चों को पहचानने से ही इन्कार कर रहे थे। पकड़े गए लोग काफी देर तक जांच में जुटी टीमों को इधर-उधर घुमाते रहे, फिर बच्चों के बारे में पूछने पर उन्हें पहचानने तक से इन्कार कर दिया। बच्चों से पहचान कराई तो उन्होंने झट से उनके हाथ पकड़ लिए और बोले कि ये अंकल साथ लेकर आए थे। पुलिस ने कड़ी पूछताछ की तो तस्कर टूट गए और बताया कि उन्हें तो बस बच्चों को ले जाकर दिल्ली में सौंपना था। इन बच्चों को कहां और किसके पास भेजना था इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।