जालंधर कैंट में सफाई कर्मचारियों का वेतन न मिलने पर प्रदर्शन; सीईओ, सब एरिया कमांडर के खिलाफ नारेबाजी

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RGAन्यूज़

बुधवार को जालंधर छावनी में प्रदर्शन करते हुए ठेका सफाई कर्मचारी। जागरण

ठेका सफाई कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें वेतन नहीं मिला है इससे उनके घर में खाने का राशन तक नहीं आ रहा। इस समय कोरोना वायरस का प्रकोप चल रहा है। इसके बावजूद सभी सफाई कर्मचारी पूरी मेहनत से कैंट को साफ रखने में अपना योगदान दे रहे हैं

 जालंधर। वेतन नहीं मिलने पर यहां ठेका सफाई कर्मचारियों ने फिर से विरोध प्रदर्शन कर रोष जाहिर किया है। बुधवार सुबह सभी ठेका सफाई कर्मचारी कैंटबोर्ड परिसर के बाहर जिन्दां रोड पर रास्ता बंद कर सड़क पर बैठ गए। जब करीब 11 बजे तक कैंट बोर्ड का कोई भी अधिकारी इनकी सुध लेने नही पहुंचा, तो गुस्साए सैकड़ों ठेका सफाई कर्मचारियों ने कैंटबोर्ड सीईओ के दफ्तर की तरफ रुख किया। इससे घबराए कैंटबोर्ड अधिकारियों ने पुलिस बुला कर ठेका सफाई कर्मचारियों को सीईओ के दफ्तर में घुसने से रोका। सीईओ ज्योति कुमार के मिलने से इनकार करने पर सफाई कर्मचारी भड़क गए और मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि करीब 5 घंटे से वह सड़क पर तेज धूप में बैठें हैं लेकिन वातानुकूलित कमरे में बैठे बाबू के कान में जूं तक नही रेंगी। उन्होंने कहा कि वह अपनी तनख्वाह के लिए हर महीने परेशान होते हैं लेकिन कैंटबोर्ड अधिकारी उनकी बात नही सुनते। ठेकेदार समय पर बिल जमा नहीं करवाता तो यह कैंट बोर्ड अधिकारियों का फर्ज है कि वह ठेकेदार को नोटिस जारी कर कोताही बरतने से रोकें। उन्होंने कहा कि आज भी सीईओ कैंट बोर्ड हमारी बात सुनने के लिए अपने दफ्तर से बाहर आने को तैयार नहीं है।

ठेका सफाई कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें वेतन नहीं मिला है, इससे उनके घर में खाने का राशन तक नहीं आ रहा। इस समय कोरोना वायरस का प्रकोप चल रहा है। इसके बावजूद सभी सफाई कर्मचारी पूरी मेहनत से कैंट को साफ रखने में अपना योगदान दे रहे हैं।

अपनी जिम्मेदारी से दूर भाग रहा है कैंट बोर्ड प्रशासन

अपने काम का बोझ कम करने, खर्चे घटाने व आय बढ़ाने के लिए कैंटबोर्ड कई मूलभूत सुविधाओं का निजीकरण करने की और अग्रसर है। ढीली कार्यप्रणाली के परिणामस्वरूप कैंट बोर्ड व निजी ठेकेदारों में आपसी संवाद सही समय पर ना होने के कारण ठेका कर्मचारियों व आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।

कैंटबोर्ड के सीईओ ज्योति कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि ठेकेदार ने कर्मचारियों के मई का बिल 16 जून को जमा करवाया है। इसके कारण कर्मचारियों का वेतन रक्षा लेखा विभाग से पारित नहीं हुआ है। सफाई कर्मचारियों से मिलकर मामला शांत करने की बात पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम केवल ठेकेदार को जानते हैं। ठेका सफाई कर्मचारियों का अनुबंध ठेकेदार के साथ है। उन्होंने कहा कि फिर भी वह संबंधित अधिकारियों से बात कर जल्द ही इस मामले को हल करेंगे

गौरतलब है इसी महीने 3 जून को भी ठेका सफाई कर्मचारियों ने वेतन न मिलने की सूरत में धरना प्रदर्शन किया था। इस पर कैंट बोर्ड के डिप्टी सीईओ सुधीर कुमार ने वेतन 10 तारीख से पहले जारी करने का आश्वासन देकर धरना उठवाया था। उनका यह आश्वासन झूठा निकला व ठेका कर्मचारियों को फिर से रोष प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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