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RGA न्यूज़
पूर्णिया में कूरियर कंपनी लूट कांड का खुलासा।
पूर्णिया में कूरियर कंपनी में हुई 25 लाख की लूट का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। इस मामले में कुल 8 अपराधियों को धर दबोचा गया है। पुलिस की मानें तो कंपनी के कई कर्मियों की संलिप्तता भी हो सकती है आगे की जांच जारी
पूर्णिया। गत 13 जून को मरंगा थाना क्षेत्र के इंस्टाकार्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में हुई 25 लाख की लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। कंपनी के पूर्व कर्मी ने ही इस लूटकांड की साजिश रची थी। वही इस कांड का मुख्य लाइनर भी था।
पुलिस ने मुख्य षडयंत्र कर्ता सोनू कुमार समेत घटना में संलिप्त आठ में चार अपराधियों को फिलहाल दबोच लिया है। इन अपराधियों के पास से लूट की एक लाख पचास हजार सात सौ रुपये, एक कट्टा, एक देसी पिस्टल, पांच कारतूस, तीन मोबाइल व घटना में प्रयुक्त लाल रंग की अपाचे बाइक भी बरामद की गई है।
पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में नेवालाल चौक निवासी सोनू कुमार, पंचवटी कालोनी निवासी जयशंकर मिश्रा, मरंगा थाना क्षेत्र के मिल्की निवासी मदन ठाकुर व माघी कालोनी ततमा टोला निवासी मनीष कुमार शामिल है। इस मामले में गिरोह का मुखिया भोला उर्फ मोहन शर्मा उर्फ मंगला सहित अन्य चार अपराधियों की तलाश के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है।
महज चार मिनट में दिया गया वारदात को अंजाम
13 जून की रात करीब बाइक सवार आठ हथियार बंद अपराधियों ने अचानक कंपनी के कार्यालय पर धावा बोल दिया। बतौर पुलिस अधीक्षक अपराधियों ने महज चार मिनट के अंदर पूरी वारदात को अंजाम दे दिया था। उन्होंने बताया कि सोनू कुमार एक वर्ष पूर्व तक उस कंपनी में कार्यरत था। इससे वह वहां की पूरी व्यवस्था व गतिविधि से अवगत था।
काम से हटने के बाद भी उसका वहां आना जाना था। कार्यालय का सीसीटीवी खराब रहने की जानकारी भी उसे थी। उसी ने इस पूरे लूटकांड की योजना बनाई थी। वारदात को पूर्व में जेल जा चुका भोला उर्फ मोहना शर्मा उर्फ मंगला ने अपने गैंग के सदस्य व कटिहार बैंक डकैती में पूर्व में जेल जा चुके निपू महलदार व मदन ठाकुर सहित अन्य बदमाशों के सहयोग से अंजाम दिया था।
वैज्ञानिक अनुसंधान के तहत हुआ खुलासा
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घटना के बाद सदर एसडीपीओ आनंद कुमार पांडेय के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी। इस टीम में केनगर थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार, मरंगा थानाध्यक्ष राजीव आजाद, के हाट सहायक थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, सदर थानाध्यक्ष मधुरेंद्र किशोर, पुअनि जितेंद्र राणा, मनीष चंद्र यादव व तकनीकी शाखा के सरोज कुमार व रोहित कुमार शामिल थे। पुलिस अधीक्षक खुद प्रत्येक दिन अनुसंधान के दौरान किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे और आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे थे। एसपी ने बताया कि वैज्ञानिक अनुसंधान व साक्ष्य संकलन के क्रम में ही चारों अपराधियों को दबोचा गया।
डकैती की योजना बनाते धराए चारो अपराधी
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लूटकांड के अनुसंधान के क्रम में ही गिरफ्तार चारो अपराधियों के उफरैल के एक आम बगीचा में रहने की सूचना पुलिस को मिली। बाग बगीचा में चारो अपराधी डकैती की दूसरी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा था। इस सूचना पर तत्काल छापेमारी करते हुए चारों को बगीचा से ही गिरफ्तार कर लिया गया।
कंपनी के कई वर्तमान कर्मी भी शक के दायरे में
एसपी ने बताया कि इस मामले में पुलिस का अनुसंधान लगातार जारी है। गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि लूट का अधिकांश पैसा गिरोह का सरगना भोला उर्फ मोहन शर्मा उर्फ मंगला के पास है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी जारी है। इधर कंपनी के कई वर्तमान कंपनी भी शक के दायरे में हैं। पुलिस पूर्व में भी ऐसे कर्मियों से पूछताछ की है और आगे भी जरुरत पड़ने पर पूछताछ की जाएगी।