प्रधानमंत्री मोदी को पिता मानकर लिखा पत्र, उसके बाद आगरा में महिला ने मार ली खुद को गोली

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RGA न्यूज़

इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ प्रधानमंत्री के नाम लिखा महिला का पत्र। कमरे का दरवाजा तोड़कर निकाली महिला पास में पड़ा मिला तमंचा। हालांकि पुलिस ने घर और महिला के मोबाइल की जांच कर ली है लेकिन उसमें प्रधानमंत्री के नाम लिखा पत्र नहीं मिला है

आगरा, एत्माद्दौला क्षेत्र की विद्यापुरम कालोनी में शुक्रवार को एक महिला ने तमंचे से गोली मारकर अपनी जान दे दी। खुदकुशी की वजह गृह क्लेश बताई जा रही है। महिला द्वारा प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह पांच दिन पुराना बताया जा रहा है। महिला के कमरे की तलाशी ली गई, लेकिन वहां से कोई पत्र या खुदकुशी से संबंधित नोट नहीं मिला है।

विद्यापुरम निवासी 30 वर्षीय मोना द्विवेदी शुक्रवार को सुबह 10.15 बजे घर में थीं। मोना के पति धीरज अपनी हार्डवेयर की दुकान पर थे। सास सीमा, जेठानी प्रीति और दुर्गा व देवरानी नेहा घर में थीं। अचानक मोना ने अपना कमरा अंदर से बंद कर तमंचे से अपने सीने में गोली मार ली। गोली चलने के आवाज सुनकर परिवार की सभी महिलाएं पहुंचीं। दरवाजा अंदर से बंद था। शोर मचाने पर पड़ोसी आ गए। इसके बाद कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। मोना कमरे में फर्श पर पड़ी थीं। पास में तमंचा पडुा था। उनके सीने में गोली लगी थी। परिवार के लोग उन्हें हास्पिटल ले गए। वहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मौके से तमंचा जब्त कर लिया। इंस्पेक्टर एत्माद्दौला देवेंद्र पांडेय ने बताया कि मामला खुदकुशी का है। जांच में पता चला है कि धीरज ने कुछ समय पहले अपने नाम से लोन लेकर मोना के भाई सोनू की आर्थिक मदद की थी। सोनू किस्त जमा नहीं कर रहा था। इसको लेकर धीरज के भाई मोना को ताना मारते थे। इसी को लेकर कुछ दिन से घर में क्लेश चल रही थी। इंटरनेट मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ है। मौके से कोई पत्र बरामद नहीं हुआ। इस वायरल पत्र की सत्यता की जांच की जा रही है। अभी तक मायके वालों ने भी कोई तहरीर नहीं दी है।

मोना के मोबाइल में नहीं मिला पत्र

पुलिस ने मोना का मोबाइल कब्जे में लेकर वायरल पत्र की जांच की। इंस्पेक्टर एत्माद्दौला के मुताबिक, मोना के मोबाइल की गैलरी में भी यह पत्र नहीं है और न ही उनकी फेसबुक आइडी पर यह पत्र है। जबकि मोना के भाई ने पुलिस को बताया है कि उन्हें मोना ने पत्र भेजा था। यही इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ है। मोना के पति धीरज का कहना है कि पांच दिन पहले उन्हें पत्र की जानकारी हुई थी। तब उन्होंने मोना से इसको लेकर बात की। तभी मोना ने वह पत्र फाड़ दिया था।

ये लिखा पत्र में, अगर जीते जी इंसाफ मिले तो कोई क्यों मरे...

इंटरनेट मीडिया पर वायरल पत्र मोना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिता मानते हुए लिखा है। तीन पेज के पत्र में दो पेज नीले पेन से लिखे गए हैं और तीसरा पेज काले पेन से लिखा है। इसमें उसने लिखा है कि वह गरीब परिवार से है। 16 वर्ष की उम्र में ही उसकी शादी हो गई थी। मां का देहांत बचपन में ही हो गया था। पति धीरज बहुत सीधे हैं। उसका बहुत ख्याल रखते हैं। देवर अंबुज और जेठ पंकज ने जीना मुश्किल कर रखा है। आए दिन उसके साथ मारपीट की जाती है। दोनों के संबंध भाजपा नेताओं से हैं। बोलते हैं कि थाने-चौकी में उनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं लिखेगा। भाजपा नेता उनके अपने हैं। उसे कुछ होता है तो इसके जिम्मेदार उसका देवर अंबुज और जेठ पंकज होंगे। महिला ने पत्र में यह भी लिखा है कि जीते जी अगर इंसाफ मिल जाए तो कोई मरे क्यों? अपनी अंतिम इच्छा प्रधानमंत्री से मुलाकात की बताते हुए इसे पूरी करने को लिखा है।

20 वर्ष पुराना है तमंचा

धीरज ने पुलिस को बताया है कि वह फर्रुखाबाद का रहने वाला है। यहां जब उसने 20 वर्ष पहले मकान बनवाया था। तब डर लगता था। इसीलिए गांव से वह तमंचा खरीदकर लाया था। तब से यह तमंचा घर में रखा था। मोना ने इसी तमंचे से गोली मारकर अपनी जान दी है।

10 बजे किया था पति को कॉल

धीरज ने पुलिस को बताया कि खुद को गोली मारने से पहले सुबह 10 बजे मोना ने उन्हें कॉल की थी। उसने कहा था कि बहुत तनाव हो रहा है। धीरज ने समझाकर तनाव दूर करने की कोशिश की थी। मगर, तब तक कॉल डिसकनैक्ट हो गई। कुछ दिन से मोना को मानसिक परेशानी थी। वह मनोचिकित्सक से इलाज भी करा रहे थे।

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