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RGA न्यूज़
संगोष्ठी में बच्चों की आनलाइन पढ़ाई को और बेहतर बनाने के लिए नए तरीके बताए गए।
स्वामी शांतातमंदा ने कहा कि शिक्षकों को चाहिए कि अपनी कक्षाओं में एकतरफा संवाद से बचें। बच्चों को प्रश्न करने का मौका दें। यह भी अनुमान लगाएं कि बच्चे कहां भ्रमित हो सकते हैं उन बिंदुओं को ठीक से स्पष्ट करें।
प्रयागराज, आनलाइन पढ़ाई को प्रभावी बनाने के लिए श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल में ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय अराइज टू द पावर ऑफ पेरेंटिंग था। इसमें कहा गया कि आत्मजागरूकता, आत्मप्रबंधन, मानवीय संबंध एवं सामाजिक जागरूकता जरूरी है। ऐसा करके हम तनावपूर्ण जीवन शैली से मुक्त हो सकते हैं।
अभिभावकों को प्रतिदिन ध्यान व प्राणायाम करना चाहिए : स्वामी शांतातमंदा
मुख्य वक्ता स्वामी शांतातमंदा ने कहा कि शिक्षकों और अभिभावकों को प्रतिदिन ध्यान, प्राणायाम, योगाभ्यास करने के साथ ही अच्छी किताबें भी पढऩी चाहिए। इससे आत्मबल मिलता है। मन भी शुद्ध होता है। इन चीजों को करने से आप की वाणी और आचार विचार प्रभावी होते हैं। जो भी कर्म किए जाएंगे उनका असर गहरा होगा। शिक्षक यदि अध्यापन कार्य करेंगे तो वह शिक्षण प्रभावी होगा। बच्चे यदि अध्ययन करेंगे तो उनकी भी ग्राह्यता बढ़ेगी। अभिभावकों की भी गतिविधियां बेहतर होंगी। शिक्षकों को चाहिए कि अपनी कक्षाओं में एकतरफा संवाद से बचें। बच्चों को प्रश्न करने का मौका दें। यह भी अनुमान लगाएं कि बच्चे कहां भ्रमित हो सकते हैं, उन बिंदुओं को ठीक से स्पष्ट करें। कुछ विद्यार्थियों से संवाद बिलकुल नहीं हो पता तो उन्हें अपने संवाद में जरूर शामिल करें।
मंत्रोच्चार के साथ हुई कार्यक्रम की शुरुआत
इस आयोजन में गूगल मीट, फेसबुक लाइव के जरिए अभिभावक, शिक्षक व विद्यार्थी जुड़े। कार्यक्रम की शुरुआत मंत्रोच्चर के साथ हुई। नारी शक्ति मंच की कोआर्डिनेटर श्वेता सिंह ने सभी को विषय से परिचित कराया। कहा कि यह आयोजन वर्तमान परिस्थितियों से निबटने के लिए जरूरी सुझाव व मार्गदर्शन हासिल करने के लिए किया गया है। इस दौरान प्रधानाचार्य रविंदर बिरदी ने कहा कि हम सब को अपनी तनावपूर्ण जीवन शैली से मुक्त होने के लिए प्रयास करना होगा। सभी को अपनी संवेदनाओं को भी जागृत करना चाहिए।