जालंधर में अब इंडस्ट्री भी गाने लगी रब्बा-रब्बा मींह बरसा.. अगले 3 दिन बिजली के हालात न सुधरे तो फिर लगेगा वीकेंड कट

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RGAन्यूज़

डिमांड और उपलब्ध बिजली में अंतर होने के चलते ही इंडस्ट्री पर बिजली के कट लगाए जा रहे हैं।

जालंधर की इंडस्ट्री को अब वरुण देवता के बरसने का बेसब्री से इंतजार है। जालंधर के इंडस्ट्री संचालक गुरुवार से पहले हर हाल में बारिश के हो जाने की कामना कर रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर बारिश होती है तो बिजली की डिमांड कम हो जाएगी।

जालंधर। बिजली की किल्लत के चलते तीन दिन तक वीकेंड झेल चुकी जालंधर की इंडस्ट्री को अब वरुण देवता के बरसने का बेसब्री से इंतजार है। जालंधर के इंडस्ट्री संचालक गुरुवार से पहले हर हाल में बारिश के हो जाने की कामना कर रहे हैं। कयास यह लगाए जा रहे हैं कि अगर बारिश होती है तो फिर बिजली की डिमांड में कमी आ जाएगी और इंडस्ट्री के ऊपर वीकेंड नहीं थोपा जाएगा। डिमांड और उपलब्ध बिजली में अंतर होने के चलते ही प्रदेश भर में इंडस्ट्री पर बिजली के कट लगाए जा रहे हैं।

जालंधर के इंडस्ट्री संचालकों का तीन दिन तक वीकेंड लागू रहने के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ा है। तीन दिन तक उत्पादन बंद रहा है और एक्सपोर्टर्स को तो समय पर विदेशी ग्राहकों को माल भिजवाने के लिए हजारों रुपए खर्च कर जैनरेटर पर इंडस्ट्री चलानी पड़ी है।

पावरकॉम के सीएमडी ए वेणु प्रसाद ने पहले ही अपना तर्क दे दिया है कि अगर बिजली की डिमांड में कोई कमी नहीं आती है और बारिश भी नहीं होती है तो फिर इंडस्ट्री पर लगाए जा रहे बिजली कटों को लागू रखा जा सकता है। जालंधर की इंडस्ट्री को रविवार से बॉर्डर जोन की इंडस्ट्री को बंद कर बिजली सप्लाई दी गई है। आगामी 3 दिन तक अगर बिजली की उपलब्धता में सुधार नहीं होता है तो फिर इस बात की प्रबल संभावना है कि वीरवार से दोबारा जालंधर की इंडस्ट्री को वीकेंड पर भेजा जा सकता है।

जालंधर इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सग्गू ने कहा है कि उद्योगपति तो अब बेसब्री से बारिश के होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि इंडस्ट्री को दोबारा वीकेंड जैसी स्थिति से रूबरू न होना पड़े। जालंधर ऑटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के चेयरमैन बलराम कपूर ने कहा कि यह इतिहास में पहली बार हुआ है कि बिजली की किल्लत के चलते इंडस्ट्री को वीकेंड पर भेज दिया गया है। इंडस्ट्री ऐसा हरगिज़ नहीं चाहेगी कि इसकी पुनरावृति हो। बारिश के होने का इंतजार भी है और सरकार को भी जरूरत के मुताबिक बिजली उपलब्ध कराने की कोशिश करनी चाहिए।

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