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RGA न्यूज़
स्लीपर सेल की तरह काम करने वाले दलालों की नजर ऐसे ही परिवारों पर रहती है।
बिहार से बच्चों की हो रही तस्करी का प्रमुख कारण हर साल आने वाली बाढ़ जैसी भयंकर आपदा भी कम जिम्मेदार नहीं है। गरीबी के कारण लोगों में आर्थिक असुरक्षा का भाव आता है। स्लीपर सेल की तरह काम करने वाले दलालों की नजर ऐसे ही परिवारों पर रहती है
अलीगढ़, नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस बच्चों की तस्करी करने का सबसे आसान माध्यम बन रही है। पिछले एक सप्ताह में ही इस ट्रेन से करीब 27 बच्चों को तस्करी के लिए ले जाते हुए अलीगढ़ स्टेशन पर पकड़ा जा चुका है। सबसे खास बात है कि बच्चों को ''''बचपन बचाओ आंदोलन संस्था'''' की सटीक सूचना के बाद ही पकड़ा जा सका है। हर स्टेशन पर आरपीएफ, जीआरपी सुरक्षा में मुस्तैद रहने का दावा करती है। इसके बाद भी ऐसे बच्चों पर बिहार से लेकर अलीगढ़ से पहले तक के किसी भी स्टेशन पर इन बच्चों को पकड़ा नहीं जा सका है। जबकि इन ट्रेनों में एस्कार्ट भी मौजूद रहता है। इस पूरे खेले में रेलवे से जुड़े लोगों का मानव तस्करी में लिप्त गिरोह के सदस्यों से मिलीभगत होने से कतई इन्कार नहीं किया जा सकता है।
आर्थिक तंगी व असुरक्षा की भावना भी है जिम्मेदार
बिहार से बच्चों की हो रही तस्करी का प्रमुख कारण हर साल आने वाली बाढ़ जैसी भयंकर आपदा भी कम जिम्मेदार नहीं है। गरीबी के कारण लोगों में आर्थिक असुरक्षा का भाव आता है। स्लीपर सेल की तरह काम करने वाले दलालों की नजर ऐसे ही परिवारों पर रहती है। सहानुभूति व आर्थिक मदद की आड़ में मानव तस्कर बच्चों के माता-पिता को यह समझाने में सफल हो जाते हैं कि उनका बेटा या बेटी पूरे परिवार को भुखमरी से बचाने में कामयाब हो सकता है। बशर्ते बच्चों को उन्हें सौंप दिया जाए। जीवन की चाह में परिवार अपने कलेजे के टुकड़े को उन दलालों के हाथों सौंप देता है।
ट्रेनों में बच्चों की तस्करी रोकने को प्रयागराज मंडल में आरपीएफ व जीआरपी को नियमित चेकिंग व सतर्कता बरतने के लिए निर्देशित किया गया है।
- अमित मालवीय, सीपीआरओ, एनसीआर