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ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए बदले नियम। सांकेतिक फोटो
डाइविंग लाइसेंस अब मान्यता प्राप्त प्राइवेट ड्राइविंग स्कूल से वाहन चलाना सीखकर और टेस्ट देकर प्राप्त किया जा सकता है। केंद्र सरकार की तरफ से पालिसी बनाई गई है। पंजाब सरकार की तरफ से अभी आदेश जारी नहीं हुए हैं
अमृतसर। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों के लिए राहत की खबर है। अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में जाकर ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप मान्यता प्राप्त प्राइवेट ड्राइविंग स्कूल से वाहन चलाना सीखकर और टेस्ट देकर ही लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स के लिए नए नियम बनाए हैं। एक जुलाई से यह नियम लागू भी कर दिए गए हैं। इसके तहत शहरों में प्राइवेट सेंटर बनाए जाएंगे। यह नियम लागू होने के बाद आरटीए विभाग की तरफ से बनाए गए आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर टेस्ट देने की जरूरत नहीं रहेगी, यहां पर सिर्फ पक्के लाइसेंस की फोटो ही होगी।
प्राइवेट सेंटर पर कैंडिडेट्स को हाई क्वालिटी ड्राइविंग ट्रेनिंग दी जाएगी और जो लोग टेस्ट क्लियर कर लेंगे, उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते वक्त दोबारा टेस्ट नहीं देना होगा। मान्यता प्राप्त केंद्रों द्वारा दी गई मान्यता पांच साल के लिए लागू रहेगी। अभी आरटीए के ट्रैक पर टेस्ट देकर लाइसेंस बनवाने पर 10 साल के लिए ड्राइविंग लाइसेंस वेलिड होता है। इस संबंध में आरटीए सेक्रटरी ज्योति बाला का कहना है कि इस संबंधी अभी केंद्र सरकार की तरफ से पालिसी बनाई गई है। पंजाब सरकार की तरफ से जो भी आदेश आएंगे, उसके तहत ही निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
शर्तें पूरा करने वालों को मिलेगी सेंटर की मान्यता
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आदेश के बाद सभी शहरों में मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर बनाए जाएंगे। सेंटर में पार्किंग, रिवर्स ड्राइविंग, ढलान की ट्रेनिंग के लिए ड्राइविंग ट्रैक अनिवार्य होगा। जो लोग इस तरह का ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट चलाना चाहते हैं, उन्हें राज्य सरकार के पास आवेदन करना होगा। वहीं ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों की मान्यता उन्हीं केंद्रों को मिलेगी जो ड्राइविंग ट्रैक, आइटी और बायोमीट्रिक सिस्टम और निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षण से संबंधित शर्तें पूरा करेंगे। हाई क्वालिटी ट्रेनिंग के लिए ट्रैक होंगे।
लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा
मंत्रालय के इस आदेश के बाद लोगों को काफी राहत मिलेगी। इससे जहां लोगों का समय बचेगा, वहीं अधिकारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और न ही दलालों के हाथों लूट का शिकार होना पड़ेगा। मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग सेंटर्स से वाहन चलाने की ट्रेनिंग के बाद लाइसेंस सीधे घर पहुंच जाएगा। दूसरा अब इन सेंटर्स पर जिम्मेदारी बढ़ जाएगी कि वह उन्हें ही सर्टिफिकेट जारी करें जो सही ढंग से वाहन चलाने की ट्रेनिंग पूरा करेंगे