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RGA न्यूज़
जरूरी है पोषक आहार का सेवन और अनुशासित जीवन..
कानपुर के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की चिकित्सा अधिकारी डा.अर्पिता सी.राज ने बताया कि हर तरह के संक्रमण से बचाती है हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता। इसके लिए जरूरी है पोषक आहार का सेवन और अनुशासित जीवन..
कानपुर, तीसरी लहर की आशंका के बीच यह मंत्र फिर से दोहराना आवश्यक हो गया है कि अच्छे और पौष्टिक आहार से ही हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनती है। मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता का अर्थ है अच्छी सेहत। यदि हम पोषक आहार ले रहे हैं और उसका पाचन ठीक से हो रहा है तो मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता का बनना तय है। शरीर का पूरा सिस्टम पाचन तंत्र से जुड़ा है। अत: हमें अपने आहार के साथ ही पाचन तंत्र पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि लिवर स्वस्थ रहेगा तो शरीर के सारे विषाक्त पदार्थो का निष्कासन आसान हो जाएगा। जब शरीर ऊर्जावान होता है तो कमजोरी, थकान और आलस्य की समस्या से मुक्ति मिलती है और यही रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।
शरीर को प्रदान करें इम्युनिटी का कवच: कोराना हो या कोई अन्य संक्रमण, इन सबसे हमें हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता ही बचाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मजबूत इम्युनिटी कोविड-19 के संक्रमण से लड़ने में अहम भूमिका निभा रही है। कोरोना की चपेट में अधिकांश वे लोग आए जो कहीं न कहीं हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रसित थे और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी। हमें अपने खानपान से इम्युनिटी मजबूत रखनी है, जिससे किसी भी संक्रमण से बचा जा सके।
सुपाच्य भोजन करें: हमारा आहार पोषक तत्वों से भरपूर हो और जो भी खाएं या पिएं उसकी तासीर हमारे शरीर की प्रकृति के अनुरूप हो। हल्दी वाला दूध, जिसमें एंटी इंफ्लेमेटरी तथा एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, को अपने दैनिक आहार में शामिल करें। नाश्ते का समय तथा स्वरूप बदलें। सुबह नाश्ता पौष्टिकता से भरपूर हो जिसमें अंकुरित अनाज, दलिया और मौसमी फलों का समावेश हो। दूध से बनी चाय की जगह ग्रीन टी का प्रयोग करें। यह पेट संबंधित समस्याओं में बहुत फायदेमंद है। अधिक तैलीय व गरिष्ठ भोजन के सेवन से बचें। फाइबर युक्त मोटे अनाज का सेवन करें।
आहार में हो विटामिंस और प्रोटीन: लोग विटामिंस और प्रोटीन को सप्लीमेंट के रूप में ले रहे हैं। जबकि यह तरीका बिल्कुल गलत है। चिकित्सक सप्लीमेंट लेने की सलाह उन लोगों को देते हैं, जो बीमार हैं या किसी कारणवश डाइट से प्रोटीन या विटामिंस की पूर्ति नहीं कर पाते हैं। आहार में विटामिन सी युक्त व मौसमी फलों को शामिल करें। ये सब प्राकृतिक रूप से एंटीऑक्सीडेंट व विटामिंस के स्रोत हैं। सोयाबीन, दाल, दूध, दही और छाछ के सेवन से शरीर को पर्याप्त मात्र में प्रोटीन मिलता है।
बच्चों के स्वास्थ्य पर दें ध्यान: चिकित्सा विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। इसमें घबराने की बात नहीं है। इस बार हमें बच्चों की मजबूत आदत बनानी होगी कि वे कोरोना संक्रमण से बचाव के सारे उपाय अपनाएं। जंक फूड व फास्ट फूड के सेवन से बच्चों को बचाएं। मांओं को बच्चों के आहार पर खास ध्यान देने की जरूरत है, जिससे संक्रमण से बचे रहें। उनके भोजन में दूध, दही, भीगे हुए बादाम, चने, मखाना, मूंगफली आदि का समावेश करें। मौसम के अनुसार च्यवनप्राश आदि का भी सेवन कराया जा सकता है।