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कोटकपूरा फायरिंग मामले में सैनी ने नार्को टेस्ट से किया इन्कार। फाइल फोटो
कोटकपूरा फायरिंग केस में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी व मोगा के पूर्व एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा ने नार्को टेस्ट करवाने से साफ इन्कार कर दिया है। वहीं निलंबित आइजी परमराज सिंह उमरानंगल इसके लिए राजी हो गए ह
संवाद सहयोगी, फरीदकोट। बरगाड़ी बेअदबी मामले से जुड़ी कोटकपूरा गोलीकांड की घटना के मामले में राज्य के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी व मोगा के पूर्व एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा ने नार्को टेस्ट करवाने से साफ इन्कार कर दिया है। वहीं, निलंबित आइजी परमराज सिंह उमरानंगल ने उच्चतम न्यायालय की गाइडलाइन के मुताबिक टेस्ट करवाने पर सहमति प्रदान की है।
तीनों पूर्व पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को अपने-अपने वकीलों के माध्यम से यहां के एसीजेएम की अदालत में जबाव दाखिल किया। इस मामले में अब अगली सुनवाई 9 जुलाई को रखी गई है। कोटकपूरा गोलीकांड केस की पड़ताल के दौरान एडीजीपी विजीलेंस एलके यादव की अगुवाई वाली एसआइटी ने पिछले माह पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी समेत तीनों पुलिस अधिकारियों से चंडीगढ़ में पूछताछ की थी और एसआइटी का आरोप था कि यह पुलिस अधिकारी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और सच छिपा रहे हैं, जिसके कारण इनका नार्को टेस्ट करवाए जाने की जरूरत है।
इस आधार पर एसआइटी ने फरीदकोट की अदालत में आवेदन देकर इन पुलिस अधिकारियों का नार्को, लाई डिटेक्टर व ब्रैन मैपिंग टेस्ट करवाने की इजाजत मांगी थी। इस पर अदालत ने सम्बंधित पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी करके जबाव मांगा था। मंगलवार को अपना जबाव दाखिल करते हुए पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी व पूर्व एसएसपी चरनजीत ने टेस्ट करवाने से इन्कार कर दिया है, जबकि निलंबित आइजी उमरानंगल ने नार्को टेस्ट संबंधी जारी उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत टेस्ट करवाने पर सहमति दे दी
कानून के मुताबिक यदि संबंधित व्यक्ति टेस्ट संबंधी अपनी सहमति नहीं देता तो उसका टेस्ट नहीं करवाया जा सकता। मालूम हो कि इन तीनों पुलिस अधिकारियों को पहले वाली एसआइटी ने बतौर आरोपित नामजद करते हुए उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट भी दाखिल की थी, लेकिन बाद में उच्च न्यायालय ने एसआइटी की जांच रिपोर्ट ही रद कर दी थी। अब उच्च न्यायालय के आदेश पर केस की जांच के लिए नवगठित एसआइटी की तरफ से तेजी से जांच की जा रही है।