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गुजरात में निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा।
गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने बताया कि भगवान जगन्नाथ के प्रति लोगों में श्रद्धा व आस्था है। राज्य में कोरोना की दूसरी लहर पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है। महामारी के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए रथ यात्रा निकाली जा सकेगी।
अहमदाबाद, गुजरात में भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा को सरकार की हरी झंडी मिल गई है। कोरोना के चलते पिछले साल हाईकोर्ट ने रथयात्रा पर रोक लगा दी थी। महामारी के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अखाड़े, भजन मंडली व झांकियों के बिना रथयात्रा दोपहर तक निकलेगी। गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने बताया कि भगवान जगन्नाथ के प्रति लोगों में श्रद्धा व आस्था है। कोरोना महामारी के चलते पिछले साल रथ यात्रा नहीं निकल सकी थी। राज्य में कोरोना की दूसरी लहर पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है। महामारी के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए रथ यात्रा निकाली जा सकेगी। रथ यात्रा की सुरक्षा के लिए एसआरपी की 20 कंपनियां तैनात की जाएंगी।
इसके अलावा हजारों की संख्या में गुजरात पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। 12 जुलाई को सुबह को निज मंदिर से रथ यात्रा प्रारंभ होगी तथा सुबह सात से अपरान्ह दो बजे तक इसे पूर्ण कर लिया जाएगा। इस दौरान दर्शनार्थी रथ यात्रा में शामिल नहीं हो सकेंगे। दूरदर्शन व निजी टीवी चैनल के माध्यम से ही लोग रथ यात्रा प्रदर्शन कर सकेंगे। भगवान जगन्नाथ सुभद्रा व बलभद्र के रथ के साथ महंत दिलीप दास के वाहन सहित पांच वाहनों को भी इसमें शामिल होने की मंजूरी दी गई है। रथ यात्रा के दौरान किसी तरह का प्रसाद वितरण नहीं होगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 12 जुलाई को सुबह भगवान जगन्नाथ यात्रा के दौरान होने वाली मंगला आरती में सपरिवार शामिल हों
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रथ यात्रा को लेकर बुधवार को कोर कमेटी की बैठक में चर्चा की तथा लोगों की श्रद्धा व आस्था को देखते हुए कोरोना गाइडलाइन के साथ रथ यात्रा को मंजूरी देने का निर्णय किया। रथयात्रा में इस बार हाथियों, अखाड़े, भजन मंडलियों, झांकियों को शामिल होने की मंजूरी नहीं दी गई है। रथ यात्रा के दौरान उसके मार्ग पर कर्फ्यू रहेगा। मुख्यमंत्री रूपाणी व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल 12 जुलाई को सुबह रथो के आगे सोने की झाड़ू से बुहारकर पहिंद विधि कर रथ यात्रा को रवाना करेंगे। जगन्नाथ मंदिर के महंत दिलीप दास ने रथ यात्रा को मिली मंजूरी पर खुशी जताते हुए सरकार व श्रद्धालुओं का धन्यवाद जताया। गुरुवार को सरसपुर मंदिर से श्रद्धालु महिला पुरुष मायरा लेकर जगन्नाथ मंदिर पहुंचे, दिलीप दास ने मंदिर परिसर में मायरा के वस्त्र स्वीकार किए तथा उनकी आवभगत की।