भाजपा की चाल से विपक्ष खा गया मात

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RGA न्यूज़

ब्लाक प्रमुख चुनाव में भी इसी तरह की रणनीति बनाई।

ब्लाक प्रमुख चुनाव में भी भाजपा ने प्रभावी रणनीति बनाई। छह सीटों पर निर्विरोध जीता लिया। इससे पहले भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर जीत के लिए रणनीति बनाई थी। इसमें भी विपक्ष चकमा खा गया था।

 अलीगढ़, ब्लाक प्रमुख चुनाव में भी भाजपा ने प्रभावी रणनीति बनाई। छह सीटों पर निर्विरोध जीता लिया। इससे पहले भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर जीत के लिए रणनीति बनाई थी। इसमें भी विपक्ष चकमा खा गया था। क्योंकि विपक्ष को यह लग रहा था कि वो एकजुट हो जाएगा और जीत उसकी होगी।

भाजपा ने विपक्ष को दिया चकमा

भाजपा की इस चाल को विपक्ष भांप नहीं पाया। ब्लाक प्रमुख चुनाव में भी भाजपा परचम फरहाने जा रही है।2017 के चुनाव के बाद से भाजपा ने प्रदेश में जमीन तैयार करने में लग गई थी। पार्टी गांवों तक मजबूत पकड़ बनाने में जुटी रही। इसका चुनावों में भाजपा को फायदा भी हुआ। सबसे अधिक भाजपा को पंचायत चुनाव में इसका फायदा हुआ। पंचायत चुनाव में भाजपा की पकड़ कभी मजबूत नहीं रही है। संगठन भले मजबूत रहा हो मगर जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव वो नहीं जीत पाती थी। दरअसल, विपक्ष इतना हावी रहता था कि चुनाव जीतना मुश्किल था। भाजपा ने इस बार ऐसा ही पैतरा खेला। अध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी ने रणनीति के साथ कूटनीति का भी प्रयोग किया। जो जिला पंचायत सदस्य भाजपा के साथ पहले आने को राजी नहीं थे, वही सदस्य चुनाव के समय भाजपा के साथ आ खड़े हुए, जबकि रालोद का पलड़ा चुनाव में भारी लग रहा था। इसलिए निर्दलीय प्रत्याशी चौधरी सुधीर सिंह रालोद में गए थे, उन्हें लग रहा था कि वो जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन हो जाएंगे, मगर पार्टी ने एनवक्त पर ऐसा दांव खेला की विपक्ष चारों खाने चित हो गया। अब भाजपा ने ब्लाक प्रमुख चुनाव में भी इसी तरह की रणनीति बनाई।

11 सीटों पर उतारे प्रत्‍याशी

11 सीटों पर पार्टी समर्थित प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं। इनमें से पार्टी ने छह को निर्विरोध जीता लिया। टप्पल से बीना सिंह, जवां हरेंद्र सिंह, चंडौस सीमा, बिजौली उमेश यादव, लोधा गुंजन सिंह, गौंडा नरेंद्र चौधरी और धनीपुर में पूजा दिवाकर निर्विरोध चुन ली गईं। भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह का कहना है कि पार्टी की लहर चारों ओर है, जनता अच्छी तरह से समझ गई है कि विपक्ष उन्हें हमेशा गुमराह करता रहा है। विकास के नाम पर कोई काम नहीं होता था, बल्कि पार्टी जाति-धर्म के नाम पर बांटने का काम किया करती थीं। सपा के कार्यकाल में दंगे होते थे तो बसपा के कार्यकाल में जनता परेशान रहती है। ऐसे में सिर्फ एक मात्र भाजपा ही ऐसी पार्टी रही है, जिसने समग्र विकास किया। जाति-धर्म से ऊपर उठकर पार्टी ने सिर्फ विकास कार्य का ही लक्ष्य रखा। इसलिए भाजपा की हर चुनाव में जीत हो रही है।

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