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जीका वायरस से बचाव है जरूरी, मच्छरों से बनाए दूरी।
भारत में कोरोना वायरस के बाद अब एक नए वायरस जीका वायरस ने दस्तक दे दी है। देश के केरल से इस वायरस का पहला मामला सामने आया है। इस वायरस का कोई इलाज या वैक्सीन नहीं बनी है। ऐसे में ये काफी खतरनाक हो सकता है।
कोविड-19 वायरस संक्रमण के बाद भारत में एक और वायरस ने दस्तक दे दी है। इस वायरस का नाम जीका वायरस (Zika Virus) है। गुरुवार को केरल में इस वायरस से संक्रमित एक मरीज की पुष्टि की गई है। केरल के तिरुवनंतपुरम जिले की रहने वाली गर्भवती महिला के ब्लड सैंपल में वायरस की आधिकारिक रूप से पुष्टि हुई।
नए वायरस के मिले पहले मामले में लक्षणों का भी पता चला है। दरअसल, जिस महिला में संक्रमण पाया गया है, वो बुखार, सिर दर्द और शरीर पर चकत्ते आदि से पीड़ित थी। इसके बाद वो 28 जून को निजी अस्पताल में भर्ती हुई। टेस्ट से उसके पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद उसके सैंपल को पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजा गया है। हालांकि, गर्भवती की डिलीवरी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है।
क्या है जीका वायरस (Zika Virus)
जीका वायरस, मच्छरों से फैलने वाला वायरल संक्रमण है, जो एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है। एडीज मच्छरों से ही डेंगू, पीला बुखार और चिकनगुनिया आदि रोग भी फैलते हैं।
भागलपुर में बढ़ रहा मच्छरों का प्रकोप
बिहार के भागलपुर में मच्छरों का प्रकोप तेजी के साथ बढ़ रहा है। बारिश के मौसम में यहां जलभराव इसका मुख्य कारण माना जा रहा है। ऐसे में जीका को लेकर लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। भागलपुर के वरीय फिजीशियन डॉ. विनय कुमार झा ने जीका वायरस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मच्छरजनित इस संक्रमण से बचाव बेहद जरूरी है।
उन्होंने आगे बताया कि आम तौर पर एडीज मच्छर सुबह और शाम के समय काटते हैं। जीका वायरस सबसे पहले बंदरों में पाया गया था। इसकी वैक्सीन बनाई जा रही है। उन्होंने लक्षणों के बारे में बताते हुए कहा कि जीका संक्रमण के लक्षण डेंगू की तरह ही होते हैं। बुखार, स्किन पर चकत्ते और जोड़ों में दर्द होता है। कई लोगों में इम्युनिटी के अनुसार लक्षणों का पता चला है।
डॉ. झा ने कहा कि सिर दर्द, बेचैनी, फुन्सी और कन्जंक्टिवाइटिस की समस्या भी हो सकती है। वायरस के लक्षण आम तौर से 2-7 दिनों तक रहते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को जीका से ही नहीं मच्छरों से फैलने वाले सभी रोगों से सावधान रहना चाहिए।
जीका से बचाव और सावधानी
डॉ. झा के मुताबिक, जीका से बचाव का मतलब है कि आप मच्छर जनित सभी रोगों से बचाव कर ले जाते हैं। वायरस के फैलाव को काबू करने का एक ही तरीका मच्छर के काटने को रोकना ही है।
- अपने आसपास पानी का जमाव न होने दें।
- एडीज मच्छर जमे हुए पानी में अंडे देते हैं।
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- शरीर को ढकने वाले उचित कपड़े पहने।