कोविशील्ड और कोवैक्सीन की दो डोज लगने के बाद कितनी बनी एंटीबाडीज, जानने को 500 लाेगों पर होगा सर्वे

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RGA न्यूज़

वैक्सीन लगवाने के बाद एंटीबाडीज की जांच को होगा सर्वे।

वैक्सीन की दो डोज लगवा चुके 250-250 लोगों के लिए जाएंगे ब्लड सैंपल। कोरेाना वायरस के खिलाफ कितनी बनी एंटीबाडीज जानने को हो रहा है सर्वे। कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगवाने वाले लोगों पर होगा सर्वे। जांच के लिए सैंपल केजीएमयू लखनऊ और एलएलएआरएम मेरठ भेजे जाएंग

आगरा, वैक्सीन की दो डोज के बाद कोरोना वायरस के खिलाफ कितनी एंटीबाडीज बनी, यह जानने के लिए सर्वे शुरू हो रहा है। यह सर्वे 500 लोगों पर किया जाएगा। इसमें कोविशील्ड की दो डोज लगवाने वाले 250 लोग और कोवैक्सीन की दो डोज लगवाने वाले 250 लोग लिए जाएंगे।

कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगने से संक्रमण का खतरा कम हो रहा है। साथ ही वैक्सीन लगने के बाद संक्रमित होने पर मामूली लक्षण आ रहे हैं। मगर, वैक्सीन लगने के बाद हर व्यक्ति में अलग अलग एंटीबाडीज बन रही हैं। आम लोगों में वैक्सीन लगने के बाद कितनी एंटीबाडीज बनी। यह जानने के लिए सर्वे शुरू हो रहा है। सीएमओ डाॅ. आरसी पांडेय ने बताया कि सर्वे में दो ग्रुप लिए जाएंगे। एक ग्रुप में कोविशील्ड की दो डोज लगवाने वाले लोग लिए जाएंगे और दूसरे ग्रुप में कोवैक्सीन की दो डोज लगवाने वाले लोगों को लिया जाएगा। एंटीबाडीज की जांच के लिए ब्लड सैंपल लेकर केजीएमयू लखनऊ और एलएलएआरएम, मेरठ भेजे जाएंगे।

कोविशील्ड से बन रही स्पाइक प्रोटीन

एसएन की ब्लड बैंक प्रभारी डाॅ. नीतू चौहान ने बताया कि कोविशील्ड वैक्सीन से स्पाइक प्रोटीन बन रही हैं, इससे कोरोना संक्रमित होने का खतरा कम हो जाता है। वैक्सीन लगने के बाद 132 यूनिट प्रति एमएल से अधिक रोस मशीन से जांच करने पर बननी चाहिए। कोविशील्ड की पहली डोज लगने के 28 दिन बाद 100 से 150 तक एंटीबाडीज बनी। वहीं, वैक्सीन की दो डोज लगने के बाद 800 से 2000 तक स्पाइक एंटीबाडीज बनी हैं। वहीं जो लोग कोरोना संक्रमित हो चुके थे, उनमें वैक्सीन की दो डोज लगने के बाद 5000 से अधिक एंटीबाडीज बनी। कोवैक्सीन से बन रही टोटल एंटीबाडीज कोवैक्सीन लगवाने पर टोटल एंटीबाडीज बन रही हैं। इसके लिए अभी आइसीएमआर ने गाइड लाइन जारी नहीं की है कि एंटीबाडीज का निम्न स्तर कितना होना चाहिए, जिससे कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं।

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