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जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के बाद ब्लाक प्रमुख के चुनाव में चौकाने वाले परिणाम आए सामने।
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के बाद लगातार दूसरी बार एेसा हुआ कि ब्लाक प्रमुख चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को अपनों से ही चुनौती मिली। परिणाम एेसे आए कि उन्होंने किरकिरी करा दी। एनवक्त पर भाजपा के चाणक्य क्रास वोटिंग नहीं रोक पाए।
हाथरस, जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के बाद लगातार दूसरी बार ऐसा हुआ कि ब्लाक प्रमुख चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को अपनों से ही चुनौती मिली। परिणाम ऐसे आए कि उन्होंने किरकिरी करा दी। एनवक्त पर भाजपा के चाणक्य क्रास वोटिंग नहीं रोक पाए। इस वजह से भाजपा को बराबरी पर छूटना पड़ा
सिकंदराराऊ में दिलचस्प रही स्थिति
हाथरस ब्लाक पर भाजपा ने रुखसाना अली को प्रत्याशी बनाया था जबकि इस सीट पर भाजपा के ही पूर्व ब्लाक प्रमुख अमर सिंह पांडेय की पत्नी पूनम पांडेय भी दावेदारीं कर रहीं थीं। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय पर्चा भरा। जब परिणाम सामने आए भाजपा के चाणक्यों के पसीने निकल आए। 80 बीडीसी में से 41 ने पूनम पांडेय को और 38 ने रुखसाना अली को वोट दिया। वहीं सिंकदराराऊ में स्थिति बड़ी दिलचस्प रही। यहां पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह और सपा समर्थित प्रत्याशी सुदामा देवी को 39-39 वोट मिले। यहां लाटरी सिस्टम से परिणाम सपा प्रत्याशी के समर्थन में आए। जबकि भाजपाई दोनों सीटों पर भाजपा बड़े अंतर से जीत का दावा कर रही थी। ब्लाक प्रमुख चुनाव में सातों सीटों में से भाजपा ने पांच पर ही प्रत्याशी उतारे थे। सासनी में सदर विधायक हरीशंकर माहौर की पुत्र वधू और और हसायन में धमेंद्र प्रताप सिंह ने भाजपा ने और सीटों की तुलना बड़े अंतर से जीत दर्ज की। सासनी में सांसद की पुत्री द्वारा वोट नहीं डालना खासी चर्चा में रहा। वे भी इस सीट पर भाजपा से दावा कर रहीं थीं।
पूर्व ब्लाक प्रमुख ने भाजपा को दिखाया आइना
हाथरस ब्लाक पर पूर्व ब्लाक प्रमुख अमर सिंह पांडेय ने पत्नी पूनम पांडेय को जिताकर स्थानीय रणनीतिकारों को ही नहीं बल्कि पूरी भाजपा को ही आइना दिखाया है। सिर्फ दो वोट के ही अंतर जीते हैं लेकिन ये परिणाम उनकी राजनीतिक ताकत का अहसास करा रहे हैं। जिस अंदाज व रणनीति से ब्लाक पर मतदान के लिए लग्जरी बसों से मतदाताओं को ले जाया गया उससे भाजपा के रणनीतिकार अपनी जीत सुनिश्चित मान रहे थे और विक्ट्री साइन से अन्य लोगों को चिढ़ा रहे थे मगर नतीजे उल्टे है। भाजपा के जिला प्रभारी राजा वर्मा ने एक-एक वोट पर निगरानी रखी। इसके बाद भी उन्हीं सदस्यों ने क्रास वोटिंग कर पूनम पांडेय के सिर पर जीत का सेहरा बंधवा दिया।
इनका कहना है
यह जनता का चुनाव नहीं है। इस चुनाव में आर्थिक पक्ष एक विषय रहता है। सासनी के चुनाव को लेकर मैं और जिलाध्यक्ष के साथ अलीगढ़ सांसद से मिलने गया था। हमने उनसे आग्रह किया था। उनकी बेटी ने वोट नहीं दिया। इसके बारे में सांसद ही कुछ बता पाएंगे। पांच में से हम तीन सीटों पर जीते हैं। सिकंदराराऊ का दुर्भाग्य से टाई हो गया।
राजा वर्मा, जिला प्रभारी, भाजपा
परिणामों पर कार्यकर्ताओं ने निकाली भड़ास
हाथरस : ब्लाक प्रमुख के चुनाव में सासनी से भाजपा समर्थित प्रत्याशी प्रतिभा कमल माहौर की जीत पर स्वागत के दौरान जिला कार्यालय पर भाजपा की अंदरूनी रार खुलकर सामने आ गई। इससे माहौल गर्मा गया। वहां मौजूद जिला प्रभारी राजा वर्मा पर कार्यकर्ता विफर गए। उन्होंने हाथरस ब्लाक पर हार के लिए प्रत्याशी के चयनकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया। सासनी में टिकट वितरण को लेकर भी कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में जिनकी टिकट कट गई थी। उन्होंने भी अपना पक्ष रखा। जिला प्रभारी राजा वर्मा का कहना है कि कार्यकर्ताओं में समर्थक अलग-अलग होते हैं। सभी को अपनी बात कहने का हक है। हाईकमान के फैसले पर निर्णय लिए जाते हैं।
भाजपा के विभीषणों पर होगी कार्रवाई
ब्लाक प्रमुख के चुनाव में पांच सीट में तीन पर ही जीत को गंभीरता से लिया जा रहा है। इन परिणामों के पीछे कहीं न कहीं बगावत और क्रास वोटिंग को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इस मामले में कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। भाजपा ने सात ब्लाक में हाथरस, सासनी, सिकंदराराऊ, हसायन व मुरसान में पांच प्रत्याशी घोषित किए थे। इसमें मुरसान से भाजपा समर्थित रामेश्वर उपाध्याय निर्विरोध घोषित हो चुके हैं। इसके अलावा शनिवार को हुए मतदान में सासनी से सदर विधायक हरीशंकर माहौर की पुत्र वधू प्रतिभा कमल माहौर, हसायन से धर्मेंद्र प्रताप सिंह पीलू चुनाव जीते हैं। सिकंदराराऊ में अजय प्रताप सिंह बराबर वोट आने पर लाटरी सिस्टम से हार गए हैं। इस चुनाव में परिणाम से जिला स्तरीय पदाधिकारी अंदरूनी तौर पर संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। इस मसले पर जिला प्रभारी चौ. राजा वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आज चुनाव परिणाम आए हैं। इस मामले में जिलाध्यक्ष गौरव आर्य के माध्यम से हाईकमान को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में हुई थी कार्रवाई
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में बगावत करने वालों पर कार्रवाई हो चुकी है। 15 अप्रैल को मतदान की पूर्व संध्या पर 11 लोगों को पार्टी से निष्कासित किया गया था। इस कार्रवाई का चुनाव परिणामों पर असर नहीं दिखा। भाजपा के 24 में से पांच सदस्य ही जीते थे। यह बात अलग है कि बाद में निष्कासित लोगों की वापसी कर दी गई और भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हो गई।