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RGA न्यूज़
भाजपा जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में एतिहासिक जीत का जश्न मना रही है।
इस समय जब समूची भाजपा जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में एतिहासिक जीत का जश्न मना रही है देश की सबसे बड़ी पार्टी के नेता होने के दंभ में मगरूर कांग्रेसी एक-दूसरे की टांग खिंचाई में ही लगे हुए हैं।
अलीगढ़, इस समय जब समूची भाजपा जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में एतिहासिक जीत का जश्न मना रही है, देश की सबसे बड़ी पार्टी के नेता होने के दंभ में मगरूर कांग्रेसी एक-दूसरे की टांग खिंचाई में ही लगे हुए हैं। पंचायत चुनाव में लचर प्रदर्शन के बाद हटाए गए जिला अध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष और उनके समर्थकों ने नई टीम का विरोध शुरू कर दिया है। विरोधी खेमा हाईकमान के फैसले पर सवाल उठा रहा है। रोज थाली बजवाई जा रही हैं। निशाने पर नए टीम की ताजपोशी कराने में अहम भूमिका निभाने वाले हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भी हैं। विरोधी खेमें ने तो उन्हें ही हटाने की मांग कर दी है। हालांकि, नई टीम अभी संयम बरते हुए है। रूठों को मनाने और समझाने का प्रयास हो रहा है, जो बिल्कुल आसान नहीं हैं। बहरहाल, कांग्रेस की हालत पर हर कोई चटखारे ले रहा है।
नए अध्यक्षों की पारी, बैलगाड़ी की सवारी
कांग्रेस संगठन में बदलाव के बाद विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। विरोधी हरियाणा कांग्रेस प्रभारी पर पार्टी संविधान से इतर बैकडोर से जिलाध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष मनोनीत कराने का आरोप लगा रहे हैं। नए अध्यक्षों की योग्यता व जनाधार पर भी सवाल उठ रह हैं। हाईकमान को लगातार चिट्ठी-पाती भेजी जा रही है। ऐसे में हरियाणा प्रभारी व नए अध्यक्षों ने पिछले दिनों स्वागत जुलूस निकालकर विरोधियों को जवाब दिया। कांग्रेसी बैलगाड़ी व तांगे पर सवार होकर निकले। चौपहिया व दुपहिया वाहन ही नहीं, पैदल भी निकलकर जोश-खरोस दिखाया। पार्टी के काफी वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता जुलूस में शामिल हुए। नई टीम को बधाई दी। उम्मीद भी जताई कि अब पार्टी का चेहरा बदलेगा। यह जुलूस अरसे से बदहाल पड़े जिला कांग्रेस कार्यालय पर जाकर समाप्त हुआ। मौका था, तो वरिष्ठ नेताओं ने ऐलान कर दिया कि नेहरू और इंदिरा के इस कार्यालय का जल्द जीर्णोद्धार होगा।
ताकि, इस बार न बनने पाए चेन
नौ अप्रैल 2020 को जनपद में कोविड-19 का पहला केस मिला। बात चिंता की थी, क्योंकि आसपास के जनपदों में इससे पहले ही संक्रमण फैल चुका था। यहां कोरोना की चेन न बने, इसके लिए तमाम इंतजाम किए, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। दिसंबर-जनवरी में संक्रमण की गति सुस्त हुई, लेकिन मार्च-2021 में दूसरी लहर ने दस्तक दे दी। अप्रैल व मई में तेजी से मरीजों की चेन बनी। ऐसा हाहाकार मचा कि दो माह में ही आठ हजार से ज्यादा मरीज निकल आए। सरकार ने चेन को तोड़ने के लिए ट्रेसिंग के साथ सैंपलिंग को तवज्जो दी। इसके नतीजे भी निकले। एक बार फिर से नए वैरिएंट को लेकर खतरा जताया जा रहा है। ऐसे में सरकार ने पहले से ही ट्रेसिंग व सैंपलिंग बढ़ानी शुरू कर दी, ताकि इस बार चेन को बनने का मौका ही न मिल सके और ज्यादा नुकसान भी न होने पाए।
कोरोना गया, अभी तक ठंडे बस्ते में योजनाएं
कोरोना काल में सेहत पर ऐसी आफत आई कि स्वास्थ्य महमका, अन्य सारे काम भूल गया। केंद्र व राज्य सरकार की लोककल्याणकारी योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गईं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, आयुष्मान भारत योजना, जन औषधि केंद्र, जननी शिशु सुरक्षा योजना, नसबंदी, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम समेत तमाम कार्यक्रम लक्ष्य से भटक गए। यह अच्छी बात है कि अलीगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने सबसे पहले कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया है, लेकिन अन्य योजनाअों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। स्वास्थ्य समिति से लेकर कोरोना कंट्रोल रूम की हर बैठक में योजनाअों की खराब प्रगति पर अफसरों को नसीहत मिल रही है। खासतौर से प्रधानमंत्री की प्राधमिकता वाली आयुष्मान भारत योजना को लेकर। विभाग इतने समय बाद भी लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाने का का काम पूरा नहीं कर पाया है। पिछले माह नोडल अधिकारी भी बदल दिए गए, मगर कोई खास तेजी नहीं दिख रही है।