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जालंधर में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ 5वें दिन शुक्रवार को सिविल अस्पताल में सरकारी डाक्टरों ने संघर्ष जारी रखा । डाक्टरों ने नारेबाजी और ओपीडी साथ साथ जारी रखी। सरकार के खिलाफ रोष व्
जालंधर। छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ 5वें दिन शुक्रवार को सिविल अस्पताल में सरकारी डाक्टरों ने संघर्ष जारी रखा। डाक्टरों ने नारेबाजी और ओपीडी साथ साथ जारी रखी। सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया। डॉक्टरों ने धरना-प्रदर्शन किया और वहीं दरियों पर बैठकर ओपीडी चलाई और मरीजों की जांच कर उन्हें मुफ्त दवाइयां दी।
मरीजों को चार दिन की हड़ताल के बाद चौथे दिन थोड़ी राहत मिली। जबकि जच्चा बच्चा सेंटर में जांच करवाने के लिए गर्भवती महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा इमरजेंसी में भी कोई महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मजबूत न होने की वजह से निकाली भटकना पड़ा। विवेक कुमार का कहना है कि उनकी पत्नी का प्रस्ताव होने वाला है और उन्हें हटा बुलाया गया था यहां पहुंचने पर कोई भी डॉक्टर देखने को तैयार नहीं है इधर उधर भटकाया जा रहा है हालांकि उनकी पत्नी की तबीयत खराब हो रही
पीसीएमएस डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ प्रदीप शर्मा ने बताया कि सरकार उनकी मांगों को लेकर सरकार टालमटोल कर रही है । डाक्टरों ने सरकारी ओपीडी पर्चियों का बायकाट कर पीसीएमएस डाक्टर्स एसोसिएशन की ओर से बनाई ओपीडी पर्चियों पर मरीजों को दवा लिख कर दी। इस दौरान मरीजों को स्वयंसेवी संगठन के सहयोग से मुफ्त दवाइयां भी बांटी गई। डॉक्टरों ने 65 मरीजों की जांच की । इससे पहले डॉक्टरों ने ओपीडी कांपलेक्स को जाने वाले रास्ता बंद कर धरना प्रदर्शन किया। इसकी वजह से लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा और अस्पताल में जाने के लिए इमरजेंसी के अंदर से गुजरना पड़ा।
इस अवसर पर डा. वरिंदर सिंह रियाड़, डा. अभिषेक सच्चर, डा. चंद्र प्रकाश, डॉ. अशोक थापर, डॉ. गुरमीत लाल, डॉ. एमपी सिंह, डॉ. हरदेव सिंह, डॉ. भूपिंदर सिंह, डॉ. सतिंदर कौर, डा. जसमिंदर कौर, डा. नरेश बाठला, डा. बिंदु, नमिता घई, डा. गुरमीत लाल, डा. सतिंदर जीत सिंह बजाज, डा. विरेंद्र कुमार, डॉक्टर वंदना, दिनेश कुमार, मीनाक्षी, पवन कुमार, राकेश कुमार के अलावा अन्य भी मौजूद थे।