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धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए बदरीनाथ केदारनाथ गंगोत्री व यमुनोत्री के गर्भगृह से पूजा का सजीव प्रसारण नहीं होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार शाम को सचिवालय में हुई उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया ग
धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के गर्भगृह से पूजा का सजीव प्रसारण न
देहरादून। धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री मंदिरों के गर्भगृह से पूजा का सजीव प्रसारण नहीं होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार शाम को सचिवालय में हुई उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया। तय किया गया कि बोर्ड के सभी सदस्यों की इस भावना से उच्च न्यायालय को अवगत कराया जाएगा। न्यायालय ने हाल में चारधाम में पूजा का सजीव प्रसारण करने के निर्देश दिए थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों की जो भी शंकाएं हैं, सरकार उनका निदान करेगी।
बोर्ड की बैठक में चारों धामों से पूजा के सजीव प्रसारण के प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान तीर्थ पुरोहितों ने इसे सिरे से खारिज किया। उनका कहना था कि मंदिरों के गर्भगृह से पूजा का सजीव प्रसारण धार्मिक परंपराओं के खिलाफ होगा। अलबत्ता, मंदिर परिसर से सजीव प्रसारण हो सकता है। विमर्श के बाद तय किया गया कि चारधाम के मंदिरों के गर्भगृह से पूजा का सजीव प्रसारण नहीं किया जाएगा। ये भी तय हुआ कि बोर्ड के जो सदस्य बैठक में मौजूद नहीं थे, इस संबंध में उनके भी विचार संकलित कर उच्च न्यायालय को अवगत कराया जाए
देवस्थानम बोर्ड को लेकर उठ रहे विरोध के सुरों के संबंध में भी बैठक में चर्चा हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ किया कि चारधाम के मंदिरों में पुरानी परंपराएं चलती रहेंगी। सरकार का कार्य मंदिर की आंतरिक व्यवस्थाओं पर अधिकार करना नहीं, बल्कि सेवा व सहयोग करना है। सरकार का उद्देश्य मंदिर परिसरों की सुविधाओं के विकास में सहयोगी बनना है। उन्होंने इस बारे में सभी सदस्यों को अवगत कराने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों समेत अन्य व्यक्तियों की जो भी शंकाएं हैं, उनसे वार्ता कर इनका समाधान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा संचालित न होने के मद्देनजर जरूरत पडऩे पर बोर्ड को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने पर विचार किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को संशोधित प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। बैठक में मंडलायुक्त एवं देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने वर्ष 2021-22 के बजट का प्रस्ताव रखा। उन्होंने बताया कि बदरीनाथ के लिए 24.46 करोड़, केदारनाथ के लिए 29.22 करोड़ और गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए 50-50 लाख का बजट प्रस्तावित है। चर्चा के बाद इसे अनुम
बैठक में जोशीमठ में श्री बदरीनाथ वेद वेदांग स्नातकोत्तर संस्कृत महाविद्यालय की अध्यासन वाली भूमि पर वेद अध्ययन केंद्र स्थापित करने, केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के अनुसार आधारभूत संरचनाओं के निर्माण कार्य को आइएनआइ डिजाइन स्टूडियो गुजरात को कंसलटेंट के रूप में चयनित करने पर सहमति दी गई। बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव डा एसएस संधू, सचिव दिलीप जावलकर, वी षणमुगम, बोर्ड के सदस्य महाराजा मनुजयेंद्र शाह, श्रीनिवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी, गोविंद सिंह पंवार, कृपाराम सेमवाल, जयप्रकाश उनियाल, महेंद्र शर्मा आदि मौजूद थे।