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बीते दिनों नेपाल प्रशासन ने पुल को आवाजाही के लिए शीघ्र खोलने का भरोसा भी दिया था। शुक्रवार को पुल खुलने के आदेश हो गए परंतु आरटीपीसीआर जांच की बाध्यता के लिए यह निर्धारित समय से एक घंटे बाद खुला।
जौलजीबी में भारतीय व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो गया। यहां पर 75 प्रतिशत से अधिक ग्राहक नेपाल के होते हैं।
: नेपाल में राजनीतिक परिदृश्य बदल चुका है। नए प्रधानमंत्री बन चुके हैं। भारत नेपाल के बीच जौलजीबी अंतरराष्ट्रीय झूला पुल पर तीन माह बाद आवाजाही भी शुरू हो चुकी है। जौलजीबी पुल पर आवाजाही प्रारंभ होने से दोनों देशों के सीमावर्ती लोगों में खुशी व्याप्त है।
भारत नेपाल को जोडऩे वाले अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों में जौलजीबी पुल पर अप्रैल से आवाजाही बंद कर दी गई थी। भारतीय प्रशासन ने नेपाल से आने वालों की 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर रिपोर्ट आवश्यक कर दी थी। दूसरी तरफ, नेपाल ने मल्लिकार्जुन नगरपालिका क्षेत्र में लाकडाउन कर दिया। इसके चलते ठप आवाजाही से जौलजीबी में भारतीय व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो गया। यहां पर 75 प्रतिशत से अधिक ग्राहक नेपाल के होते हैं।
नेपाल से आने वाला स्थानीय उत्पाद भारत नहीं आ पाने से नेपाल के लोग भी काफी प्रभावित रहे। भारत के जौलजीबी में नेपाल से साग, सब्जी, फल, दूध, दही व अन्य स्थानीय उत्पाद बिक्री के लिए आता है। प्रतिदिन नेपाल के लोग स्थानीय उत्पाद भारत में बेचकर यहां से अपनी जरूरत का राशन व अन्य सामान खरीदते हैं। पुल पर आवाजाही बंद होने से दोनों देशों के लोग परेशान थे। बीते दिनों नेपाल प्रशासन ने पुल को आवाजाही के लिए शीघ्र खोलने का भरोसा भी दिया था। शुक्रवार को पुल खुलने के आदेश हो गए परंतु आरटीपीसीआर जांच की बाध्यता के लिए यह निर्धारित समय से एक घंटे बाद खु
इस संबंध में व्यापार मंडल अध्यक्ष धीरेंद्र धर्मशक्ूतू सहित अन्य लोगों ने एसडीएम धारचूला एके शुक्ला से बात की। एसडीएम ने अन्य पुलों की भांति जौलजीबी पुल पर भी आवाजाही के निर्देश दिए। वहीं, लंबे समय बाद पुल खुलने की सूचना नहीं मिलने से पहले दिन काफी कम लोगों ने आवाजाही की। शनिवार से पूर्व की भांति आवाजाही होने के आसार हैं। दोनों देशों के लोगों ने पुल पर आवाजाही प्रारंभ होने पर नेपाल सरकार और भारतीय प्रशासन का आभार जताया है।
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