अब तराई में रंग बिरंगे चावलों की लहराएगी फसल, काले चावल के बाद अलग-अलग रंगों की पहली बार हो रही खेती

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RGAन्यूज़

खटीमा-सितारगंज के बीच बिज्टी निवासी किसान अनिलदीप विभिन्न प्राजाति के फूल पौधे बीज पैदावार करने वाले उन्नत किसान के नाम से जाने जाते हैं। दो साल पहले काला चावल काला गेहूं लाल भिंडी उगाकर मुनाफे की बेहतरीन खेती कर तराई में मिशाल पेश की थी

काश्तकार ने बताया कि ये रंगीन चावल देखने में सुंदर ही नहीं बलि्क कई विशिष्ट गुणवत्ता से भरे हुए हैं।

संवाद सहयोगी, खटीमा : अभी तक आपने नीले, हरे, लाल, बैंगनी रंगों के फल देखे और खाएं होंगे। यदि आपको इन्हीं रंग बिरंगे चावलों का पकवान परोसा जाएं तो आप देखकर सायद दंग रह जाऐंगे। जी हां, इस बार तराई के ऐसे किस्म के चावालों की पैदावार की पहल किसान भूषण पुरुस्कार से सम्मानित काश्तकार बराड़ फार्म के स्वामी अनिलदीप ¨संह महल ने की है।

खटीमा-सितारगंज के बीच बिज्टी निवासी किसान अनिलदीप विभिन्न प्राजाति के फूल, पौधे, बीज पैदावार करने वाले उन्नत किसान के नाम से जाने जाते हैं। दो साल पहले काला चावल, काला गेहूं, लाल भिंडी उगाकर मुनाफे की बेहतरीन खेती कर तराई में मिशाल पेश की थी। जिस पर जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने उन्हें 26 जनवरी को सम्मानित भी किया था।

अनिलदीप ने इस बार विभिन्न गुणवत्ता वाले धान के प्रजाति की खेती की शुरुवात की है। काश्तकार ने बताया कि ये रंगीन चावल देखने में सुंदर ही नहीं बलि्क कई विशिष्ट गुणवत्ता से भरे हुए हैं।

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