

RGAन्यूज़
चंडीगढ़ मेयर और पूर्व भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन पर किसान समर्थकों द्वारा किए गए हमले की घटना के बाद चंडीगढ़ पुलिस द्वारा बच्चे को हिरासत में लेने पर इंटरनेट मीडिया पर जमकर बवाल जारी है। लेकिन इस घटना की सच्चाई क्या है वह बच्चे ने खुद बताई
घटना के दौरान पुलिस के साथ नाबालिग।
चंडीगढ़। सेक्टर 48 में शनिवार दोपहर को मेयर रविकांत और पूर्व भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन की गाड़ी पर किसान समर्थकों द्वारा लाठी-डंडे और पत्थरों से हमला किया गया था। इस हमले में भाजपा नेताओं वाहनों को काफी नुकसान पहुंचा। यूटी पुलिस ने हमला करने वाले कई लोगों को हिरासत में लेकर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
घटना के बाद इंटरनेट मीडिया पर पुलिस द्वारा उपद्रव करने वालों को हिरासत में लेते समय पुलिस बस में एक नाबालिग की तस्वीर वायरल कर चंडीगढ़ पुलिस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने की कोशिश की गई। हरियाणा के नेता अभय चौटाला ने उस फोटो को ट्वीट कर प्रधानमंत्री को निशाना बनाया है। जबकि देर रात मीडिया से बातचीत में उस नाबालिग ने बताया कि वह आंदोलन करने वालों के समर्थन में आया था। माहौल खराब होने पर उसकी सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने उसे पुलिस वाहन में बैठा कर सुरक्षित जगह पर उतार दिया था। उसके साथ किसी भी तरह की बदतमीजी या जोर जबरदस्ती पुलिस की तरफ से नहीं की गई है।
पुलिस बोली, हमने बच्चे को बचाया कोई हिरासत में नहीं लिया गया
इंटरनेट मीडिया पर 11 वर्षीय नाबालिग की तस्वीर और वीडियो जमकर वायरल की गई। जिसमें एक जगह बच्चा बोल रहा है कि वह जेल जा रहा है। अगर वह मर भी गया तो सिंघु बार्डर पर...जिसे वायरल करने वाले लिख रहे हैं कि एक बच्चे से कैसा डर, शर्म करे चंडीगढ़ पुलिस और डीजीपी। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया के अलग अलग प्लेटफार्म पर कई अज्ञात लोग केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर भी हमलावर रहे हैं। हालांकि इस मामले पर चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि उन्होंने बच्चे को हिरासत में नहीं लिया था। सिर्फ उसे भीड़ से निकालने के लिए पुलिस बस में बैठा कर पुलिस स्टेशन
किस पर जुड़ेगी हत्या के कोशिश की धारा
चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले में विभिन्न धाराओं सहित हत्या की कोशिश की धारा 307 भी लगाई है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जानलेवा हमला करने वालों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ धारा 307 जोड़ी जाएगी। जबकि देर रात तक चली कानूनी प्रक्रिया के तहत पुलिस कई गिरफ्तार आरोपितों को बेल बॉन्ड भरवाने के बाद जमानत देने में लगी थी।