ओलिंपिक में गए खिलाडिय़ों से प्रयागराज को उम्मीद, मेडल लेकर जरूर आएंगे

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RGA न्यूज़

Tokyo Olympic जापान के टोक्‍यो में शुरू हुए ओलंपिक को लेकर प्रयागराज में उत्‍साह और उल्‍लास का माहौल है। यहां के खिलाडि़याें ने ओलंपिक में शामिल भारतीय खिलाडि़यों का उत्‍सहवर्द्धन की कामना की है। साथ ही उम्‍मीद भी जताई है कि वे पदक लेकर जरूर लौटेंगे।

टोक्‍यो ओलंपिक में अपने देश के खिलाडि़यों का प्रयागराज में भी उत्‍साहवर्द्धन किया गया।

प्रयागराज। खेलों के महाकुंभ ओलिंपिक का आगाज हो चुका है। ओलंपिक का शुभारंभ जापान के टोक्यो शहर में शुक्रवार से हुआ। इसमें प्रतिभाग करने वाले खिलाडिय़ों से उम्मीदें हैं कि वह मेडल लेकर आएं। इसके लिए उनका उत्साहवर्धन भी किया जा रहा है। भारतीय दल ने 21वें नंबर पर अपना मार्च पास्ट निकाला तो प्रयागराज से लाइव प्रसारण देख रहे एथलीटों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। शहर के लोगों और खिलाडिय़ों ने ओलिंपिक में प्रतिभाग कर रहे खिलाडिय़ों के लिए जीत की कामना की। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अनिल तिवारी, उपक्रीडा अधिकारी देवी प्रसाद ने खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन किया।

आइए जानें क्‍या कहते हैं प्रयागराज के खिलाड़ी

- ओलिंपिक खेलने गए खिलाडिय़ों से हमें बहुत उम्मीदें है। वह निराश नहीं करेेंगे। इस बार पिछले साल से अधिक मेडल आएगा।

- गौरव मौर्या

- ओलिंपिक का मार्च पास्ट देखकर सिर गर्व से ऊंचा हो गया। देश की टीम वहां पर नाम रोशन करेगी, ऐसी मुझे

- अभिषेक यादव

- खिलाडिय़ों में जबरदस्त उत्साह है। वह कड़ी मेहनत के बाद वहां पहुंचे हैं। पूर्व के वर्षों के अपेक्षा इस बार ज्यादा मेडल आने की उम्मीद है।

- ओबैद अकरम खान

- वहां गए हर खिलाड़ी से मेडल लाने की उम्मीद है। पूरा देश उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए ईश्वर प्रार्थना कर रहा है।

- हरिबख्श

- ओलिंपिक देखने के लिए सुबह से टीवी पर टकटकी लगाए रहे। अपने देश के खिलाडिय़ों को वहां पर मार्च पास्ट करते हुए देखा। उम्मीद है वह मेडल ले

- विकल्प झा

- ओलिंपिक तक पहुंचने के लिए हमारे खिलाडिय़ों ने रातदिन मेहनत की है। यहां से हर खिलाड़ी कुछ न कुछ लेकर आएगा।

- कुमार सानू

ओलिंपिक एनसाइक्लोपीडिया आज भी प्रासंगिक

भाषाविज्ञानी और समीक्षक आचार्य पंडित पृथ्वीनाथ पांडेय ने बताया कि उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक ओलिंपिक एनसाइक्लोपीडिया जानकारी परक पुस्तक है। दस अध्याय वाली इस पुस्तक में ओलिंपिक से जुड़े कई ऐसे छुए और अनछुए पहलू हैं, जो प्रतियोगी छात्र-छात्राओं की जिज्ञासा को शांत करते हैं। इस पुस्तक में ईसा पूर्व 667 से लेकर 1896 के तक के ओलिंपिक खेलों का विवरण है।

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