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आजकल कारों में जरूरत से ज्यादा दिखावा होने लगा है। तमाम वाहन निर्माता कंपनियां अपनी कारों के आकर्षक फीचर्स दिखा कर ग्राहकों से अधिक दाम वसूल करती हैं। जबकि आपको कार खरीदने के बाद पता चलता है कि इन फीचर्स का आपके लिए कोई उपयोग ही नहीं
अधिकतर लोगों के काम नहीं आते कार के ये फीचर्सM
नई दिल्ली। जब आप एक नई कार खरीदने जाते हैं, तो उसके लुक, डिजाइन और फीचर्स पर विशेष ध्यान देते होंगे। लेकिन क्या आपको मालूम है, कि जब भी आप अपने बजट के आधार पर एक नई कार खरीदने जाते हैं, तो कंपनी वाले आपको उसके कुछ महंगे फीचर्स के बारे में बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं जो आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में काम के नहीं होते और उनके लिए आपको अतिरिक्त दाम चुकाना पड़ता है। इतना ही नहीं जिसके चलते आपका बजट बिगड़ जाता है। आज अपने इस लेख के जरिये हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी बातें जिन्हें ध्यान में रखेंगे तो आप नई कार खरीदते समय डीलर्स के झांसे में न आकर अपनी जरूरत के हिसाब से ही फीचर्स वाली कार का चुनाव करेंगे जिससे अतिरिक्त पैसे देने से बच जाएंगे।
हिल असिस्ट : यह एक ऐसा फीचर है जिसका कंपनियां काफी प्रचार करती हैं और इसके नाम पर ग्राहकों से मोटी रकम वसूलती हैं। लेकिन यह फीचर भी तभी काम आता है जब आप पहाड़ों पर ट्रैवल कर रहे हों। इतना ही नहीं बिना हिल असिस्ट वाली गाड़ियां भी पहाड़ों पर अच्छी तरह से चल सकती हैं। बस ड्राइवर अच्छा होना चाहिये। तो यह फीचर भी आपको कारों में तभी लेना चाहिये जब बतौर स्टैंडर्ड दिया जा रहा हो। इसके लिए अधिक रकम खर्च करने की कोई आवश्यकता नहीं
क्रूज़ कंट्रोल : पहले क्रूज़ कंट्रोल प्रीमियम गाड़ियों का फीचर था। लेकिन इन दिनों यह एक आम फीचर हो गया है और ज्यादातर गाड़ियों के टॉप मॉडल्स में देखा जाता है और इसका प्रचार करके कंपनी अच्छे-खासे दाम वसूलती है, लेकिन आपको बता दें यह फीचर केवल तब काम आता है जब आपका बहुत अधिक हाइवे पर आना-जाना होता है। क्योंकि आप गाड़ी को क्रूज़ तभी कर सकते हैं जब आप हाइवे पर चल रहे हों। क्योंकि क्रूज कंट्रोल को एक बार एक्टिवेट करने पर गाड़ी उसी गति पर चलती है, जिसपर आपने उसे क्रूज़ किया है और ब्रेक दबाने के बाद ही ये डी-एक्टिवेट होता है।
रेन सेंसिंग वाइपर्स : कई कारों के मॉडल्स के आधार पर ऑटोमेटिक रेन सेंसिंग वाइपर आता है। इस फीचर का इतना सा काम होता है कि गाड़ी के विंडशील्ड पर पानी पड़ते ही वाइपर्स बिना बटन दबाए अपने आप चलने लगते हैं। लेकिन इसकी वजह से ब्लेड जल्दी घिस जाते हैं और ऑटोमेटिक मशीनरी की वजह से ये जरा सा पानी पड़ने से ही चलने लगते हैं जिस वजह से इनके जल्दी घिसने की उम्मीद रहती है। जबकि मैनुअली वाइपर अपनी जरूरत के मुताबिक ऑन-ऑफ किया जा सकता है।