नारी निकेतन में नाबालिग लड़की की खुदकुशी का मामला, राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब

harshita's picture

RGA न्यूज़

7 अगस्त की रात नारी निकेतन में नाबालिग लड़की का शव फंदे से मिला था। कर्मचारियों को पता चलने तक में उसकी मौत हो गई थी। इस घटना पर डा रिजवी ला कालेज करारी कौशांबी के विधि छात्रों ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई की और राज्य सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी

प्रयागराज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज स्थित खुल्दाबाद नारी निकेतन में फंदे से लटककर 17 वर्षीय नाबालिग संवासिनी की मौत के मामले में दाखिल पत्र जनहित याचिका पर राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता से 10 दिन में सही रिपोर्ट पेश कर जानकारी देने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 3 सितंबर को होगी।

विधि छात्रों ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा

यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी तथा न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने स्वदेश एवं प्रयाग लीगल एड क्लीनिक तथा चार अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। मालूम हो कि 7 अगस्त की रात करीब तीन बजे नारी निकेतन में नाबालिग लड़की का शव फंदे से लटका पाया गया था। कर्मचारियों को पता चलने तक में उसकी मौत हो गई थी। इस घटना पर डा रिजवी ला कालेज करारी कौशांबी के विधि छात्रों ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की। पत्र लिखने वाले छात्रों में सैयद मोहम्मद अब्बास हुसैन, अंकित कुमार, अंवित कुमार शामिल हैं। इस पत्र को जनहित याचिका से तौर पर कायम कर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई की और राज्य सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी है।

इंस्पेक्टर से अधिक वेतन भुगतान की वसूली पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने थाना कैंट प्रयागराज में तैनात रहे इंस्पेक्टर सुधीर कुमार सोनी से वसूली पर रोक लगा दी है तथा राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने दिया है। याची के अधिवक्ता दिनेश राय का कहना था कि याची प्रयागराज से पूर्व मिर्जापुर में तैनात था। एसपी मिर्जापुर ने एसएसपी प्रयागराज को पत्र लिखकर कहा कि याची का गलत वेतन निर्धारण हो गया है। जिसके लिए उसके वेतन से तीन लाख 11 हज़ार 593 रुपये की कटौती की जाए। इस आदेश को याचिका में चुनौती दी गई थी । अधिवक्ता का तर्क था कि याची के वेतन से कटौती करने से पूर्व उसका पक्ष नहीं सुना गया ना ही उसे कोई नोटिस दिया गया। गलत वेतन निर्धारण विभाग की गलती से हुआ है । जिसमें याची की कोई भूमिका नहीं है तथा उसका पक्ष जाने बिना एकतरफा कार्रवाई करना गैर कानूनी है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगते हुए अगले आदेश तक याची के वेतन से कटौती करने पर रोक लगा दी है। सुधीर कुमार वर्तमान में प्रतापगढ में तैनात हैं।

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.