

RGA न्यूज़
चप्पल देखकर उसकी पहचान अपने पुत्र 28 वर्षीय मनोज विश्वकर्मा के रूप में की थी। ग्रामीण व पुलिस गोताखोरों की मदद से शव की रात में खोज करते रहे। शनिवार सुबह उसका शव घटनास्थल से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर बबेरू कोतवाली क्षेत्र के कलनुवा डेरा के पास मिला
मां कलादेवी पत्नी रामचंद्र व अन्य स्वजन खोजते हुए नदी किनारे पहुंचे
बांदा, नाग पंचमी त्योहार को लेकर गडऱा नदी में नहाते समय डूबे युवक का शव 16 घंटे बाद ग्रामीणों को बबूल के पेड़ पर फंसा मिला। शव देखकर स्वजन बेहाल हैं। पुलिस को घटना की सूचना दी गई है।
तिंदवारी थाना क्षेत्र के ग्राम गरौंती में शुक्रवार शाम करीब तीन बजे एक युवक गडऱा नदी चेकडैम के पास नदी में कूदा था। इसके बाद वह बाहर नहीं निकाला। नदी के पास मौजूद ग्रामीणों ने उसकी खोजबीन की जिसमें शव नहीं मिला था। बाद में देरशाम तक जब वह घर नहीं पहुंचा तो रागौली बबेरू निवासी उसकी मां कलादेवी पत्नी रामचंद्र व अन्य स्वजन खोजते हुए नदी किनारे पहुंचे।
वहां उन्होंने पानी के बाहर मिली तौलिया व चप्पल देखकर उसकी पहचान अपने पुत्र 28 वर्षीय मनोज विश्वकर्मा के रूप में की थी। ग्रामीण व पुलिस गोताखोरों की मदद से शव की रात में खोज करते रहे। शनिवार सुबह उसका शव घटनास्थल से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर बबेरू कोतवाली क्षेत्र के कलनुवा डेरा के पास मिला। पुलिस ने शव को पानी से बाहर निकलवा कर लिखा-पढ़ी की। वह शर्ट, बनियान व नेकर पहने मिला है। मां ने बताया कि वह शहर की एक दुकान में फर्नीचर बनाता है। दो दिन पहले नागपंचमी पर्व को लेकर वह घर आया था। त्योहार की वजह से वह घर से नदी नहाने को कहकर निकला था। वह दो भाइयों में छोटा होने के साथ अविवाहित था। कोतवाली निरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि नदी में नहाने के चक्कर में घटना हुई है। मामला खुदकुशी करने जैसा नहीं है।