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लखनऊ के पॉश इलाके गोमती नगर के विराम खंड स्थित इंडियन ऑयल के पेट्रोल पम्प पर शनिवार को खूब हंगामा हुआ। यहां से पेट्रोल भरवाने के बाद गाड़ियां रास्ते में खड़ी हो गईं। मैकेनिक को दिखाया तो पता चला कि पेट्रोल में पानी मिला हुआ है। देखते ही देखते पेट्रोल पम्प पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। हंगामा शुरू हो गया। लोगों का आरोप था कि एक तो पम्प से पानी मिला हुआ पेट्रोल बेचा गया। शिकायत करने पहुंचे तो उनके वाहनों की टंकी साफ नहीं करवाई जा रही है। इसी बीच इंडियन ऑयल के अफसर भी पहुंच गए और लोगों को शांत कराया।
मौके पर पहुंचे इंडियन ऑयल के अधिकारी ने बताया कि तीन से चार वाहनों की टंकी में पेट्रोल संग पानी मिल जाने की शिकायत मिली। बारिश के दौरान पम्प के मुख्य टैंक में पानी जाने का खतरा रहता है। शिकायत करने वाले वाहनों की टंकी साफ करा कर कंपनी ने अपनी तरफ से पेट्रोल भरवा दिया है। उधर, इंडियन ऑयल के अफसरों और पुलिस के समझाने के बाद लोग शांत हुए। कंपनी के अनुसार पेट्रोल पम्प की टंकी जमीन के नीचे होती है। इसके ढक्कन को अच्छी तरह से सील रखा जाता है। बावजूद इसके कभी कभार उसकी सुरक्षा परत कहीं से कट या हट जाने के कारण बारिश का पानी पेट्रोल में मिल जाता है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ हो सकता है। वैसे, सुबह जब टंकी की जांच कराई गई थी तो उस समय तक सब ठीक था। नोजल से पेट्रोल के साथ पानी की कुछ बूंदें मिल गई होंगी जिससे वाहन बंद हो गए। फिलहाल शिकायत करने वाले संतुष्ट हो गए हैं।
बंगला बाजार के पम्प पर भी हंगामा
एक दिन पहले पेट्रोल के साथ गाड़ी की टंकी में पानी भर जाने की शिकायत करते हुए लोगों ने एक अन्य पम्प पर भी हंगामा किया था। बंगला बाजार स्थित इस पम्प से पेट्रोल भरवाने वाले एक दर्ज से अधिक बाइक और कार सवारों के वाहन पानी मिले पेट्रोल के कारण बंद हो गए थे। यहां भी लोगों ने खूब हंगामा किया।
बरसात में ही आती है दिक्कत
बरसात के दिनों में अक्सर पेट्रोल की टंकी में ढक्क्न की सील खराब होने से पानी चला जाता है। इसके अलावा कई बार लोगों की खुद लापरवाही होती है। बाइक मैकेनिक मो. वहीद के अनुसार बीते एक महीने में एक दर्जन से अधिक बाइकें आई हैं जिनकी टंकी में पानी मिला। दरअसल बाइक की टंकी के ढक्कन की रबर खराब होने पर भी बारिश का पानी टंकी में चला जाता है।
कार-एसयूवी में 75 फीसदी रखें टंकी में ईंधन
इसके अलावा चार पहिया वाहन में यह दिक्कत सर्दियों में आती है। सर्दियों में जो लोग टंकी में ज्यादा ईंधन नहीं रखते उनकी गाड़ियों में खाली स्थान पर मौजूद हवा में मौजूद नमी के कण बाहर और भीतर के तापमान में अंतर आने के बाद पानी ही नन्हीं बूंदों में बदल जाते हैं। ऑटो एक्सपर्ट के मुताबिक यह नन्हें पानी के कण फ्यूल इंजेक्टर में फंस जाते हैं। ऐसे में हमेशा गाड़ी की टंकी कम से कम 75 फीसदी तक भरी होनी चाहिए।