नगर निगम प्रयागराज में 500 से अधिक आरटीआइ के आवेदन लंबे समय से लंबित, भरना होगा जुर्माना

harshita's picture

RGA न्यूज़

आरटीआइ के मामले में अधिकतम 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान है। अपर नगर आयुक्त ने आदेश भी जारी कर दिया है कि सूचनाएं लंबित रखने के मामले में अगर जुर्माने का निर्धारण होता है तो उसका भुगतान सहायक जन सूचना अधिकारियों को ही करना होगा।

मौजूदा समय में निगम के विभिन्न विभागों में पांच सौ से ज्यादा सूचनाएं लंबित हैं।

प्रयागराज, जनसूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) के तहत लोगों द्वारा मांगी जाने वाली सूचनाओं का जवाब देने में नगर निगम के ज्यादातर अफसर हीलाहवाली करते हैं। लोगों को समय से जवाब नहीं मिलता है। अगर समय से किसी को जवाब मिल भी जाता है तो तमाम मामलों में वह अधूरा रहता है। इससे सूचना मांगने वाले का मकसद पूरा नहीं होता है। मौजूदा समय में निगम के विभिन्न विभागों में पांच सौ से ज्यादा सूचनाएं लंबित हैं। अपर नगर आयुक्त द्वारा अफसरों पर नाराजगी जताई गई है।

जुर्माने का निर्धारण होने पर सहायक जन सूचना अधिकारियों को भुगतान का आदेश

अपर नगर आयुक्त ने करीब 10 दिन पहले सभी जोनल अधिकारियों और विभागाध्यक्षों (सहायक जन सूचना अधिकारी) को पत्र जारी करके आरटीआइ के लंबित मामलों की जानकारी मुहैया कराने के लिए कहा था। एक अप्रैल 2018 से लेकर पिछले महीने तक विभागों और जोन कार्यालयों के स्तर पर 546 सूचनाएं लंबित मिलीं। इसमें सबसे ज्यादा 115 सूचनाएं पर्यावरण विभाग, उसके बाद जोन एक खुल्दाबाद, जोन दो मु_ीगंज, जोन तीन कटरा, स्वास्थ्य विभाग, अतिक्रमण और जनकार्य विभाग में आरटीआइ के मामले लंबित होने की बात है। माना जा रहा है कि इस महीने के एक पखवाड़ा में अगर 30-40 मामलों में जवाब दे भी दिए गए होंगे तो भी पांच सौ से ज्यादा प्रकरण लंबित हैं।

25 हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान

आरटीआइ के मामले में अधिकतम 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान है। अपर नगर आयुक्त ने आदेश भी जारी कर दिया है कि सूचनाएं लंबित रखने के मामले में अगर जुर्माने का निर्धारण होता है तो उसका भुगतान सहायक जन सूचना अधिकारियों को ही करना होगा।

अपर नगर आयुक्त का है कहना

किसी ने यदि आरटीआइ में जानकारी मांगी है तो उसे समय से जवाब मिलना चाहिए। अगर समय से जवाब नहीं मिला तो आरटीआइ का मतलब ही क्या है। लंबित सूचनाओं को त्वरित निस्तारण के निर्देश संबंधित सहायक जन सूचना अधिकारियों को दिए गए हैं।

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.