टोक्यो ओलंपिक में कांस्‍य पदक विजेता हाकी टीम के कोच प्रिंस पीयूष दुबे का प्रयागराज में भव्‍य स्‍वागत

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RGA न्यूज़

टोक्यो ओलिंपिक में 41 साल बाद हाकी में पदक दिलानी वाली भारतीय पुरुष हाकी टीम के कोच पीयूष दुबे का शुक्रवार को प्रयागराज आगमन पर भव्‍य स्‍वागत किया गया। वे प्रायगराज के ही रहने वाले हैं। सम्‍मान समारोह इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय में है।

टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय पुरुष हाकी टीम के कोच प्रिंस पीयूष दुबे का प्रयागराज आगमन पर भव्‍य स्‍वागत हुआ।

प्रयागराज, भारतीय पुरुष हाकी टीम के हीरो कोच पीयूष दुबे थी रहे। इन्‍हीं के नेतृत्‍व में टोक्‍यो आंलिंपिक में इस बार भारतीय हाकी के जाबाजों ने कांस्‍य पदक प्राप्‍त किया। इसमें अहम भूमिका में राष्ट्रीय पुरुष हाकी टीम के पदक पाने के बाद प्रिंस पीयूष दुबे पहली बार शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचे। उनका यहां आगमन पर भव्‍य स्‍वागत किया गया। प्रिंस पीयूष दुबे प्रयागराज के रहने वाले हैं और उनका इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय से गहरा नाता रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के पुरातन छात्रों द्वारा उनका सम्मान किया गया।

झूंसी के रहने वाले पीयूष की अहम भूमिका

टोक्यो ओलिंपिक में 41 साल बाद हाकी में पदक का सूखा खत्म करने पर देश में जश्न है। देश को पदक दिलाने में पर्दे के पीछे भूमिका निभाने वालों में प्रयागराज का भी योगदान है। भारतीय पुरुष हाकी टीम में कोच पीयूष दुबे झूंसी के रहने वाले हैं। वर्तमान में वह साई (स्पोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया) सोनीपत में कोच हैं

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से की पढ़ाई

झूंसी के आवास विकास कालोनी के रहने वाले पीयूष कुमार दुबे प्रिंस ने पीडी मेमोरियल स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। इसके बाद हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई सीएवी स्कूल से पूरी की। इवि से बीए और एमए की डिग्री हासिल की। इसी दौरान उन्होंने हाकी खेलना शुरू किया। वह इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय की हाकी टीम के कप्तान भी रहे। इसी दौरान उनकी मुलाकात साई के कोच प्रेम शंकर शुक्ला से हुई।

इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय में बतौर अतिथि प्रवक्‍ता थे

पीयूष ने कोच प्रेम शंकर शुक्ला की सलाह पर एनआइएस कोच का प्रशिक्षण लिया। करीब 23 साल की उम्र में केंद्रीय विद्यालय मनौरी में कोच के रूप में चयन हो गया था। इसके कुछ समय बाद इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय के फिजिकल एजूकेशन विभाग में गेस्ट फेकेल्टी के रूप में काम किया। यहां करीब आठ साल तक काम करने के बाद दोबारा केंद्रीय विद्यालय चले गए। उनके कार्यकाल में केंद्रीय विद्यालय मनौरी की टीम ने नेशनल चैंपियन होने का गौरव प्राप्त किया।

पीयूष ने एक दर्जन इंटरनेशनल प्लेयर तैयार किए

कोच पीयूष दुबे ने साई सोनीपत में अब तक करीब एक दर्जन इंटरनेशनल प्लेयर तैयार किए हैं। इनमें से तीन जूनियर वर्ल्ड कप में खेल चुके हैं। एक संयोग यह भी है कि टोक्यो ओलंपिक में जिस भारतीय टीम के कोच पियूष दुबे हैं, उसी टीम में उनसे प्रशिक्षण प्राप्त खिलाड़ी भी शामिल हैं। भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा सुमित पीयूष से प्रशिक्षण ले चुके हैं। 

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