लखनऊ की फोरेंसिक लैब में 42 महीने से दफन था नोएडा में मिले कंकालों की हत्‍या का राज

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RGA न्यूज़

नोएडा में घर के फर्श से बरामद हुए थे कंकाल। एसपी ने हत्या के लंबित मुकदमों की जांच के दौरान फाइल से हटाई धूल ताे सामने आया सच। लखनऊ लैब में 42 महीने से पड़ी रिपोर्ट छह दिन में पहुंची एसपी के हाथों में

कासगंज के एसपी सिटी रोहन बोत्रे ने नोएडा के नरकंकालों की हत्‍या का घटनाक्रम साफ कर दिया है।

आगरा, लखनऊ फोरेंसिक लैब में चार लोगों की हत्या का राज 42 महीने से दफन था। पुलिस द्वारा डीएनए जांच के लैब भेजे गए नमूने की रिपोर्ट लेकर मुकदमे की जांच को आगे बढ़ाने का प्रयास तक नहीं किया गया। जिसके चलते नोएडा में घर के बेसमेंट में फर्श के नीचे दबी रत्नेश और दोनों बच्चों के शवों पर महीने दर महीने जमती गई धूल ने उन्हें कंकाल में बदल दिया। वहीं रेलवे लाइन किनारे मिले कलुआ के स्वजन भी हारकर घर बैठ गए।

एसपी कासगंज बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया तीन सप्ताह पहले वह जिले में हत्या के लंबित मुकदमों की समीक्षा कर रहे थे। इसी दौरान उनके सामने यह मुकदमा आया, विवेचक से पूछने पर पता चला कि डीएनए रिपोर्ट न मिलने के चलते विचेचना लंबित है। एसपी ने लखनऊ फोरेंसिक लैब के वैज्ञानिकों से संपर्क किया। उनसे डीएनए रिपोर्ट भेजने की कहा। जांच रिपोर्ट के लिए विवेचक ने रिमांइडर ही नहीं भेजा था। जिसके चलते वैज्ञानिकों ने इसे प्राथमिकता सूची में नहीं रखा था। एसपी के संज्ञान में लेने के छह दिन बाद ही जांच रिपोर्ट कासंगज पुलिस को मिल गई।

विवेचक की सूझबूझ आई काम

चार लोगों की हत्या के पर्दाफाश में तत्कालीन विवेचक की सूझबूझ भी काम आई। ढोलना थाना इलाके में 26 अप्रैल को रेलवे लाइन किनारे मिली जिस अज्ञात लाश की शिनाख्त राकेश के भाई राजीव और पिता बनवारी ने की थी। उस शव पर राजेेंद्र उर्फ कलुआ के स्वजन ने भी दावा किया था।उनका कहना था कि शव राजेंद्र उर्फ कलुआ का है। हालांकि राकेश के स्वजन ने उसका अंतिम संस्कार किया था। राजेंद्र के स्वजन अपने दावे पर कायम थे। जिस पर विवेचक ने राकेश व राजेंद्र दोनाें के स्वजन का डीएनए नमूना लिया। उसे शव के डीएनए नमूना से मिलान के लिए फाेेरेंसिक लैब भेजा था।

सहकर्मियों से कम बातचीत करती थी महिला सिपाही

महिला सिपाही रूबी सहकर्मियों से कम ही बातचीत करती थी। वह ताज सुरक्षा में इस साल फरवरी में तैनात हुई थी। कासगंज पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार करने पर उसके चार लोगों की हत्या का राजदार होने का साथी पुलिसकर्मियों को पता चला तो वह हैरान रह गए।

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