बरेली में 12 गांवों की जमीन अधिग्रहण मामले में भाजपा विधायक ने की किसानों की पैरवी, अफसराें से बोले- जबरदस्ती नहीं ले सकते किसानों की जमीन

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RGA न्यूज़

बिथरीचैनपुर के 12 गांवाें की जमीनों के अधिग्रहण का मुद्दा गरमाता जा रहा है। बिथरीचैनपुर के विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल के बाद भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक बहोरन लाल मौर्य भी बरेली विकास प्राधिकरण में किसानों की पैरवी में पहुंचे।

बरेली में 12 गांवों की जमीन अधिग्रहण मामले में भाजपा विधायक ने की किसानों की पैरवी

बरेली, बिथरीचैनपुर के 12 गांवाें की जमीनों के अधिग्रहण का मुद्दा गरमाता जा रहा है। बिथरीचैनपुर के विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल के बाद भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक बहोरन लाल मौर्य भी बरेली विकास प्राधिकरण में किसानों की पैरवी में पहुंचे। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीनों को जबरदस्ती नहीं लिया जा सकता है। बीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि ये दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है। रामगंगा अवासीय योजना के विस्तार के लिए किसी भी ग्राम पंचायत की जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा रहा है। विकास प्राधिकरण शासन की लैंड पुलिंग नीति के तहत आपसी सहमति के आधार पर ही भूमि विकसित करने के लिए ले रहे हैं

इस बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल के देवर प्रशांत पटेल भी थे। बीडीए उपाध्यक्ष से उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन को जबरदस्ती नहीं लेना चाहिए। उपाध्यक्ष ने कहा कि 12 गांवों की जमीन पर आवासीय योजनाएं लाकर किसानों का ही फायदा होना है। लेकिन कुछेक लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं। बता दें कि कमिश्नर कार्यालय में हंगामे के दौरान भोजीपुरा विधायक बहोरन लाल मौर्य के मुर्दाबाद के नारे किसानों ने लगाए थे। क्योकि बीडीए की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया था कि भोजीपुरा विधायक किसानों की जमीन आवासीय परियोजना के लिए दिलाने के पक्ष में है। यही वजह है कि गुरुवार को बहोरन लाल मौर्य ने बीडीए पहुंचकर किसानों की पैरवी की।

एसडीएम से बोले किसान, हम क्यों लिखे कि जमीन नहीं देंगे

दूसरी तरफ किसान यूनियन के बैनर तले महापंचायत के लिए किसान बिथरीचैनपुर के इटौउआ में इकट्ठा होने लगे। तैयारी थी कि कमिश्नर कार्यालय में आकर जमीन अधिग्रहण पर वार्ता करेंगे। किसानों के कमिश्नर कार्यालय पहुंचने से पहले कमिश्नर आर. रमेश कुमार ने एसडीएम सदर विशु राजा को किसानों के पास इटौउआ में भेजा।

किसानों के साथ हुई बैठक में विशु राजा ने कहा कि जिन किसानों को जमीनें नहीं देनी हैं। वह अपनी खतौनी के कागजों के साथ एक आवेदन भेज दें कि हमें जमीनें नहीं देनी है। किसान इस पर अड़ गए कि जब हमें जमीनें देनी ही नहीं है। तो हम लिखकर क्यों दे। आप लिखकर दीजिए कि हमारी जमीनें नहीं ली जाएगी। इसपर विशु राजा ने कहा कि जब जबरन जमीनें नहीं ली जा रही हैं तो प्रशासन क्यों लिखकर देगा। इसके बाद विशु राजा लौट आए। अधिकारी के जाने के बाद किसान एकता संघ के प्रदेश प्रभारी रवि नागर ने कहा कि सभी 12 गांव में एक-एक संघर्ष समिति बनाई जानी चाहिए। जिसमें 10-10 किसान होंगे। उनका काम संघर्ष की आवाज बुलंद करना होगा।

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