चुनाव जीतने के बाद मंगीराम से मिलने पहुंच गए थे पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, जानिए कौन थे मांगीराम

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RGA न्यूज़

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से जुड़ी तमाम यादें ताजा हो रही हैं। उनके निधन के बाद देशभर से लोग राज पैलेस आ रहे हैं। कल्याण सिंह के पुत्र और एटा सांसद राजवीर ङ्क्षसह राजू भैया से मिलकर लोग यादों को सांझा कर रहे हैं।

कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति बल्देव भाई शर्मा सांसद राजवीर सिंह से मिलने आए।

अलीगढ़, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से जुड़ी तमाम यादें ताजा हो रही हैं। उनके निधन के बाद देशभर से लोग राज पैलेस आ रहे हैं। कल्याण सिंह के पुत्र और एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया से मिलकर लोग यादों को सांझा कर रहे हैं।

जीप फंस गई तो पैदल ही चल दिए कल्‍याण सिंह

शुक्रवार को कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति बल्देव भाई शर्मा आए और उन्होंने बाबूजी से जुड़े तमाम किस्से और कहानियां बताईं। बल्देव भाई शर्मा के पिता मंगीराम शर्मा अतरौली में आरएसएस के प्रचारक थे, उन्होंने ही कल्याण सिंह को भारतीय जनसंघ से जोड़ा और चुनाव लडऩे की सलाह दी। बल्देव भाई ने शुक्रवार को यह बातें राजवीर सिंह राजू भैया से सांझा की तो वो भावुक हो गए। बल्देव भाई ने बताया कि 1967 में कल्याण सिंह ने पहला चुनाव जीता था। कलक्ट्रेट से प्रमाणपत्र मिलते ही वह पिताजी मंगीराम शर्मा से मिलने मथुरा जिले के पटलौनी गांव पहुंच गए। रात में 12 बजे कल्याण सिंह की जीप गड्ढे में फंस गई। वह पैदल ही गांव चल दिए। करीब दो किमी रास्ता तय करने के बाद वह गांव पहुंचे। रात एक बजे गांव में चर्चा हो गई कि कल्याण सिंह चुनाव जीतकर मंगीराम शर्मा से मिलने आए हैं। रात में ही लालटेन के उजियारे में जश्न मनना शुरू हो गया। फिर गांव से लोग फावड़े लेकर आएं और जीप निकलवाई। बल्देव भाई ने बताया कि 1991 में मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कल्याण सिंह ने पिताजी का नाम लिया था। उन्होंने बताया कि चार साल पहले राजस्थान में एक दीक्षांत समारोह में बाबूजी से मुलाकात हुई थी। एक ही मंच पर दोनों थे। बल्देव भाई के भाषण पर कल्याण सिंह प्रशन्न हो गए और उन्होंने कहा कि तुम अपने पिताजी की तरह ही हो। एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया ने बताया कि बाबूजी मंगीराम शर्मा जी का बहुत सम्मान करते थे। दिन में दिल्ली, राजस्थान से भी लोग सांत्वना व्यक्त करने आए। 

कल निकलेगी अस्थि कलश यात्रा

कल्याण सिंह अस्थि कलश यात्रा रविवार को एटा और कासगंज जाएगी। मढ़ौली (जनकपुर) से अस्थि कलश लेकर एटा सांसद दोनों जिलों में जाएंगे। यहां भ्रमण करने के बाद शाम को कासगंज जिले में सोरों स्थित गंगा नदी में अस्थियों को विसर्जित किया जाएगा। वहीं, अयोध्या में सरयू नदी, प्रयागराज में संगम और हरिद्वार में गंगा नदी में भी बाबूजी की अस्थियां विसर्जित की जाएंगी

रामभक्त थे कल्याण सिंह, रामघाट ही रहे मार्ग का नाम

रामघाट रोड का नाम पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाम पर रखे जाने के प्रस्ताव का कांग्रेस ने फिर विरोध किया है। पार्टी नेताओं ने हैरानी जताई है कि भगवान राम के नाम पर बने मार्ग का नाम खुद भाजपा सरकार ही बदल रही है। जबकि, स्वयं कल्याण ङ्क्षसह भी रामभक्त थे।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पूर्व विधायक विवेक बंसल ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार रामघाट रोड का नाम बदलकर कल्याण सिंह मार्ग करने जा रही है। सरकार का यह निर्णय व्यवहारिकता की कसौटी से काफी दूर है। क्योंकि, कल्याण सिंह की भगवान राम में अटूट श्रद्धा थी और उन्हीं भगवान राम के नाम पर बने इस सड़क मार्ग रामघाट रोड का नाम बदलकर उनके नाम पर किया जा रहा है। रामघाट रोड के भगवान शिव के भक्तों की भी आस्था जुड़ी हुई है। प्रतिवर्ष हजारों शिव भक्त कावडिय़ा इसी रामघाट रोड से कांवड़ लेकर आते हैं। ऐसे स्थिति में यदि भाजपा सरकार किसी नए मार्ग का नामकरण कल्याण सिंह के नाम पर करें तो वह ज्यादा व्यवहारिक होगा। इस मार्ग को भगवान राम के नाम पर ही रहने दिया जाए तो सर्वथा उचित रहेगा।

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